– अरशद मुर्तजा वारसी (भय्या) ने व मंत्री दानिश आजाद अंसारी तथा पूर्व मंत्री नसीमुद्दीन सिद्दीकी, समाजसेवियों तथा पत्रकारों ने पेश की हजरत वारिस अली शाह रहव को अकीदत की चादर!
वेब वार्ता (न्यूज़ एजेंसी)/ अजय कुमार वर्ता
लखनऊ/ देवा। देश व दुनिया के मशहूर व बुजुर्ग सूफी संत हजरत वारिस अली शाह रहव का सालाना उर्स जिसकी शुरुआत इस्लामिक माह सफर के महीने में हो जाती है, और इस उर्स में देश के हर हिस्सों से इनके चाहने वालों का तांता लगना शुरू हो जाता है।
बताया जाता है कि देवा शरीफ की सर जमीं पर बुजुर्ग हस्ती, हजरत वारिस अली शाह रहव आराम फरमा रहे हैं। इनकी मजार मुबारक पर बड़ी दूर दूर से जायरीन बड़ी अकीदत और चाहत से आते हैं। यहीं बगल में देवा शरीफ की मशहूर व मारूफ संस्था काशान्न ए वारिस, है जहां सूफी कव्वालियों की महफिल के साथ साथ, चादर पोशी व लंगर ख्वानी का इंतजाम बड़े पैमाने पर होता है। ’काशन्न.ए.वारिस के संरक्षक /अध्यक्ष अरशद मुर्तजा वारसी (भय्या जी) महासचिव मोहम्मद इमरान, तथा कोषाध्यक्ष फहमीदा वारसी व संस्था की टीम द्वारा काशान.ए.वारिस में, एक शानदार महफिल का एहतिमाम किया गया। जिस महफिल में उत्तर प्रदेश सरकार में राज्यमंत्री दानिश आजाद अंसारी, पूर्व मंत्री नसीमुद्दीन सिद्दीकी, भाजपा क्षेत्रीय मंत्री फरहा रिजवी, मशहूर साहित्यकार डॉक्टर सुल्तान शाकिर हाशमी, प्रिन्ट मीडिया वर्किंग जर्नलिस्ट एसोसिएशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष अजीज सिद्दीकी, राष्ट्रीय महामंत्री परवेज अख्तर, प़त्रकारगण सम्पादक एन.आलम, सैय्यद गुलाम हुसैन, शबाब नूर, शादाब अहमद, व जमील मलिक तथा मोहम्मद इकराम के अलावा बाराबंकी से अब्दुल रहमान (लल्लू भाई), चेयरमैन शहंशाह हुसैन, चेयरमैन मोहम्मद हारून वारसी, अलका सिंह पटेल, पार्षद, रियाज अहमद (रिज्जू) व पार्षद उबैद वारसी, मोहम्मद यूनुस, और शमीम अहमद,मौजूद रहे। साथ ही अयान वारसी, हसन वारसी, हुसैन वारसी,मोहम्मद अमान, अब्दुल्लाह रहमान, सईद अहमद, सुनील कुमार, सुदीप कुमार, सिक्कू वसी, सूरज वारसी, छोटू, व अफाक अहमद के साथ कई गणमान्य लोग भी शामिल रहे। इस रूहानी महफिल में सूफी कव्वालियों के साथ हजरत वारिस अली शाह रहव को अकीदत पेश की गई, इसके बाद इन माननीयों के साथ सैकड़ों लोग अपने सरों पर चादर व शाल लेकर बड़ी धूम धाम से मजार मुबारक पर पहुंच कर हजरत वारिस अली शाह रहव को चादर पेश की।
डॉ सुलतान शाकिर हाशमी ने कहा इतनी भीड़ इतना मजमा देखकर महसूस होता है कि सच में कुछ तो असर है जो लोग खिंचे चले आते हैं, और अल्लाह का शुक्र है कि तमाम बुजुरगाने दीन ने हिंदुस्तान की सरजमीं को चुना और भाई चारे का एक बेहतरीन सन्देश दिया। चादर पोशी के बाद काशांन्न ए वारिस की कोषाध्यक्ष फहमीदा वारसी के जेरे निगरानी में इनके हाथों बनाए हुए उम्दा लजीज व्यंजनों (लंगर) का लुत्फ उठाया, अन्त में अध्यक्ष अरशद मुर्तजा वारसी (भय्या जी) ने आए अतिथियों को मजार मुबारक की चादर ओढ़ाकर सबको सम्मानित किया, और आभार व्यक्त करते हुए धन्यवाद ज्ञापित किया।
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