वेब वार्ता (न्यूज़ एजेंसी)/ अजय कुमार वर्मा
लखनऊ 2 नवम्बर। प्रदेश सरकार माटीकला उत्पादों को लगातार प्रोत्साहन दे रही है। इस उद्योग से जुड़े हुए लोगों के लिए अनेक योजनाएं चलाई जा रही हैं, सरकार द्वारा किए गए प्रयासों के चलते इन उत्पादों की बिक्री बढ़ रही है, लोगों को रोजगार मिल रहा है और उनकी आय भी बढ़ रही है। प्रदेश में माटी का प्रयोग कर मूर्तियां, खिलौने, बर्तन इत्यादि गृह उपयोगी एवं कलात्मक वस्तुएं बनाने का प्रचलन सदियों से रहा है। माटी कला के अंतर्गत निर्मित वस्तुओं को बढ़ावा देने एवं परंपरागत उद्योगों को नवाचार के माध्यम से संरक्षित संवर्धित करते हुए आधिकाधिक् कारीगरों को रोजगार से जोड़ने का काम उत्तर प्रदेश माटी कला बोर्ड कर रहा है। यह बातें सूक्ष्म, लघु एवं माध्यम उद्यम, खादी एवं ग्रामोद्योग, रेशम उद्योग, हथकरघा तथा वस्त्र उद्योग मंत्री राकेश सचान ने उ0प्र0 खादी तथा ग्रामोद्योग बोर्ड लखनऊ के परिसर में आयोजित माटीकला मेला 2023 के उद्घाटन के अवसर पर कहीं। इस अवसर पर उत्कृष्ट शिल्पकारों द्वारा निर्मित माटीकला उत्पादों की भव्य प्रदर्शनी के साथ-साथ माटीकला उद्योग के क्रियात्मक प्रदर्शन का अवलोकन भी किया।
मेला में चुनार मिर्जापुर से लक्ष्मी डेकोरेटिव दीया क्रिएशन, औरंगाबाद गोरखपुर से श्री प्रकाश प्रजापति, निजामाबाद आज़मगढ़ की श्रीमति पुष्पा प्रजापति, लखनऊ के वैष्नो मूर्ति के प्रो0 नवीन प्रजापति की मूर्तियों को काफी सराहा गया।
बताते चलें कि उ0प्र0 माटी कला बोर्ड, लखनऊ द्वारा दीपावली के शुभ अवसर पर 02 नवम्बर से 11 नवम्बर 2023 तक 10 दिवसीय माटीकला मेला का आयोजन किया जा रहा है, जिसमें प्रदेश के विभिन्न जनपदों से आये शिल्पकारों एवं कारीगरों द्वारा 50 स्टॉल लगाकर मिट्टी से निर्मित अपनी उत्कृष्ट कलाकृतियों का प्रदर्शन किया जा रहा है। प्रदर्शनी में प्रतिभाग कर रहे शिल्पकारों एवं कारीगरों का मंत्री सचान ने स्वागत किया।
खादी एवं ग्रामोद्योग मंत्री ने इस अवसर पर लखनऊ जनपद के 05 माटीकला कारीगरों जिसमें गजराज, सुमन पत्नी विष्णु कुमार, अवध कुमार, गुड़िया एवं सुमन पत्नी पंचम को निःशुल्क विद्युत चालित चाक का वितरण किया। मंत्री ने आम जनता से भी अपील की है कि दीपावली के शुभ अवसर पर इस प्रदर्शनी में अधिक से अधिक लोग आयें और शिल्पकारों द्वारा मिट्टी से निर्मित कलात्मक एवं आकर्षक कलाकृतियों की खरीदारी करें और इसका लाभ उठाये।
प्रदर्शनी में लगभग 50 स्टाल लगाये गये है। जिन्हें कारीगरों को निःशुल्क आवंटित किया गया है। प्रदर्शनी का मुख्य आकषर्ण बोर्ड द्वारा वितरित डाई से निर्मित लक्ष्मी- गणेश की मूर्ति, लखनऊ के सिरेमिक्स कलात्मक उत्पाद की लेक पॉटरी, गोरखपुर का टेराकोटा, कानपुर के मिट्टी से निर्मित वर्तन, खुर्जा से चीनी मिट्टी से बने उत्पाद व अन्य सजावटी सामान एवं विभिन्न प्रकार के डिजाइनर दिये तथा अलग-अलग जनपदों से विभिन्न विधाओं से निर्मित उत्पाद बिक्री हेतु उपलब्ध है।
इस अवसर पर उ0प्र0 माटी कला बोर्ड के सदस्य हरेन्द्र प्रजापति, डा0 भगवानदास दक्ष प्रजापति, अजीत प्रजापति, सतीश कुमार प्रजापति, निदेशक रेशम सुनील कुमार वर्मा, माटी कला बोर्ड के महाप्रबन्धक, अरुण प्रकाश, लक्ष्मीकान्त, अमित तथा विभाग के अन्य वरिष्ठ अधिकारी व कर्मचारी भी उपस्थित थे।
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