वेब वार्ता (न्यूज़ एजेंसी)/अजय कुमार वर्मा
नई दिल्ली 10 अगस्त। ‘‘भारत, मिशन मोड, बहु-सहभागी, बहु-क्षेत्र वाले अभियान के माध्यम से वैश्विक लक्ष्य से तीन साल पहले वर्ष 2027 तक लिम्फैटिक फाइलेरिया को खत्म करने के लिए प्रतिबद्ध है।‘‘ यह बात केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया ने आज स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्य मंत्री डॉ. भारती प्रवीण पवार तथा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्य मंत्री प्रो. एस.पी. सिंह बघेल, की उपस्थिति में पूरे देश में दवा देने (मास ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन) की वार्षिक पहल के दूसरे चरण का उद्घाटन करने के दौरान कही। छत्तीसगढ़ के उप मुख्यमंत्री टी.एस. सिंह देव, उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक, ओडिशा के स्वास्थ्य मंत्री निरंजन पुजारी, असम के स्वास्थ्य मंत्री केशव महंत और झारखंड के स्वास्थ्य मंत्र बन्ना गुप्ता वर्चुअल रूप से इस उद्घाटन कार्यक्रम में शामिल हुए।
केंद्रीय मंत्री ने कहा, कि ‘‘जनभागीदारी और ‘संपूर्ण सरकार‘ तथा ‘संपूर्ण समाज‘ दृष्टिकोण के माध्यम से, हम देश से इस बीमारी को खत्म करने में सक्षम होंगे‘‘। 10 अगस्त, 2023 से शुरू होने वाला दूसरा चरण, 9 चिन्हित राज्यों (असम, बिहार, छत्तीसगढ़, झारखंड, कर्नाटक, महाराष्ट्र, ओडिशा, तेलंगाना और उत्तर प्रदेश) के 81 जिलों को कवर करेगा।
डॉ. मांडविया ने जोर दिया कि ‘‘प्रयास केवल दवाएँ लेने तक सीमित नहीं होने चाहिए, बल्कि मच्छरों के माध्यम से फैलने वाली बीमारियों को खत्म करने की भी कोशिश की जानी चाहिए। इसके बिना लक्ष्य को प्राप्त करने की हमारी प्रगति काफी हद तक बाधित होगी।‘‘ इस अवसर पर डॉ. मांडविया द्वारा डेंगू बुखार 2023 और चिकनगुनिया बुखार के नैदानिक प्रबंधन के लिए राष्ट्रीय दिशानिर्देश जारी किए गए।
स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के सचिव सुधांश पंत ने कहा, ‘‘फाइलेरिया के खिलाफ दवा देने के अभियान (मास ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन) की शुरुआत हमारे देश के स्वास्थ्य एजेंडे का एक महत्वपूर्ण क्षण है। स्वास्थ्य सेवा विभाग के महानिदेशक डॉ. अतुल गोयल 9 राज्यों के प्रमुख सचिव और मिशन निदेशकय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय की अपर सचिव और मिशन निदेशक (एनएचएम) सुश्री लामचोंगहोई स्वीटी चांगसनय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के संयुक्त सचिव राजीव मांझीय संबद्ध मंत्रालयों के संयुक्त सचिव, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के राष्ट्रीय वेक्टर-जनित रोग नियंत्रण केंद्र की निदेशक डॉ. तनु जैनय कर्नाटक के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण सेवा निदेशालय की निदेशक डॉ. एम. इंदुमतीय 9 राज्यों के वरिष्ठ क्षेत्रीय निदेशक और क्षेत्रीय निदेशक एवं वरिष्ठ सरकारी अधिकारी भी उपस्थित थे।
