वेबवार्ता(न्यूज़ एजेंसी)/अजय कुमार वर्मा
लखनऊ 12 सितम्बर। राष्ट्रीय लोकदल के राष्ट्रीय सचिव अनिल दुबे ने भाजपा सरकार पर उत्तर प्रदेश के गन्ना किसानो के प्रति सौतेला बर्ताव करने का आरोप लगाते हुए कहा है कि भारत सरकार के उपक्रम भारत पेट्रोलियम ने 477.50 करोड़ लीटर एथनॉल खरीद के लिए निकाले गए टेंडर में उत्तर प्रदेश को शामिल ही नहीं किया है, इससे प्रदेश की शुगर इंडस्ट्री सकते में है।
आज जारी बयान मे श्री दुबे ने कहा कि भारत पेट्रोलियम ने 27 अगस्त को एक टेंडर जारी किया हैं जिसमें विभिन्न राज्यों से एथनॉल की खरीद के लिए निविदाएं मांगी गई हैं। इसमें यूपी को छोड़कर सभी राज्यों को शामिल किया गया है। सरकार की नीति के मुताबिक ऑयल कंपनियां उन राज्यों से एथनॉल लेने की तैयारी कर रही हैं जहां अनाज से इसका उत्पादन किया जाता है। यूपी में इसका उत्पादन गन्ने से होने के कारण इसे टेंडर में शामिल नहीं किया गया है, जो कि एक चौकाने वाला निर्णय है। उन्होंने कहा कि प्रदेश की लगभग 50 इकाइयां प्रतिवर्ष शीरे से 50 से 60 करोड़ लीटर एथेनॉल का उत्पादन करती हैं, और जिसके विक्रय से गन्ना किसानों के भुगतान में आसानी होती है ऐसे में यदि एथनॉल की बिक्री प्रभावित हुई तो इसका सीधा असर पहले से कोरोना और महंगाई की मार झेल रहे किसानों पर पड़ेगा। उन्होंने कहा कि प्रदेश मे 15 से अधिक नए प्रोजेक्टों पर काम हो रहा है, अब यह इन्वेस्टमेंट फंस जाएगा। बैंक भी फंडिंग रोक देंगे। यह यूपी के लिए बड़ा झटका है।
श्री दुबे ने कहा कि प्रदेश का किसान पहले से आसमान छूती महंगाई, बाढ़ के कहर, कोरोना और अन्य महामारियों से त्रस्त है, ऐसे मे गन्ना किसानो को उनकी लागत के अनुसार एवं समय पर भुगतान न हो पाना काफी निराशाजनक और चिंताजनक है। उन्होंने किसानो कि दुर्दशा से अवगत कराते हुए सरकार से हस्तक्षेप कर इस टेंडर में यूपी को भी तत्काल शामिल करने की मांग की है।
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