वेब वार्ता (न्यूज एजेंसी)/ अजय कुमार वर्मा
वाराणसी। बांग्लादेश इस्कॉन से जुड़े धर्मगुरु चिन्मय कृष्ण दास प्रभु को सोमवार दोपहर गिरफ्तार कर लिया गया। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, उन पर देशद्रोह और सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने का केस है। चिन्मय प्रभु के सहायक आदि प्रभु ने बताया कि उन्हें ढाका के मिंटू रोड स्थित डीबी कार्यालय ले जाया गया। भारत के संत समाज में इसकी काफी निंदा हो रही है ओर काफी कड़ी प्रक्रिया देखने को मिल रही है।
चिन्मय प्रभु की रिहाई के लिए ढाका में प्रदर्शन शुरू हो गए हैं। प्रदर्शनकाारियों ने ढाका के सहबाग में मेन रोड को जाम कर दिया। वे हम न्याय के लिए मरेंगे, हम इसके लिए लड़ेंगे का नारा लगा रहे थे। इसके अलावा दिनाजपुर और चटगांव में भी सड़कें जाम कर नारेबाजी हो रही है। बांग्लादेश मीडिया के मुताबिक, चिन्मय प्रभु ढाका से चटगांव जाने के लिए हजरत शाहजलाल इंटरनेशनल एयरपोर्ट पहुंचे थे, यहीं से उन्हें डिटेक्टिव पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। मौके पर मौजूद इस्कॉन के सदस्यों का कहना है कि डीबी पुलिस ने कोई गिरफ्तारी वारंट नहीं दिखाया। उन्होंने बस इतना कहा कि वे बात करना चाहते हैं। इसके बाद वो उन्हें माइक्रोबस में बैठाकर ले गए।
बताते चलें कि चिन्मय प्रभु को चिन्मय कृष्ण दास ब्रह्मचारी के नाम से भी जाना जाता है। उन्होंने बांग्लादेश में हिंदुओं पर होने वाले हमलों के विरोध में बांग्लादेश में विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व किया था। ढाका मेट्रोपॉलिटन पुलिस की जासूसी शाखा (डीबी) के अतिरिक्त पुलिस आयुक्त रेजाउल करीम मल्लिक ने कहा कि पुलिस के अनुरोध के बाद चिन्मय कृष्ण दास को गिरफ्तार किया गया। मामला कुछ यूं है कि बांग्लादेश सनातन जागरण मंच ने 25 अक्टूबर को चटगांव में एक रैली की थी। इसे चिन्मय कृष्ण दास ने भी संबोधित किया था। रैली के तुरंत बाद बीएनपी नेता फिरोज खान ने चिन्मय कृष्ण दास के खिलाफ चटगांव में राजद्रोह का केस दर्ज कराया था। उन पर राष्ट्रीय ध्वज का अपमान करने का आरोप है।
अखिल भारतीय सन्त समिति और गंगा महासभा के राष्ट्रीय महामंत्री स्वामी जीतेंद्रानंद सरस्वती ने कहा कि यह मामला हिन्दू समाज के लिए घातक है। संयुक्त राष्ट्र संघ को बांग्लादेश में चल रहे हिन्दू अत्याचारों को स्वतः संज्ञान लेना चाहिए। उन्होंने मोहम्मद युनूस सरकार के खिलाफ नाराजगी जताई है। वहीं, संभल में मस्जिद को लेकर भी जीतेंद्रानंद ने अपनी बात रखी है।
चिन्मय कृष्ण दास प्रभु ने बांग्लादेश के मेहरपुर में इस्कॉन मंदिर पर हुए हमले के बाद मंदिरों की सुरक्षा को लेकर चिंता जताई थी। उन्होंने कहा था कि चटगांव में तीन मंदिर खतरे में हैं, लेकिन हिंदू और मुस्लिम समुदाय के कुछ लोग मिलकर अब तक उन मंदिरों को बचाने में सफल हुए हैं। इसके अलावा, उन्होंने यह भी बताया था कि कई हिंदू और अन्य अल्पसंख्यक समुदाय के लोग असुरक्षित महसूस कर रहे हैं और भारत के पश्चिम बंगाल या त्रिपुरा के रास्ते पलायन कर रहे हैं।
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