वेब वार्ता (न्यूज एजेंसी)/ अजय कुमार वर्मा
लखनऊ। मौसम में बदलाव शुरू हो गया है। बीते 24 घंटों के दौरान न्यूनतम तापमान 10.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। जो इस सीजन का सबसे कम है। तूफान फेंगल की वजह से पुरवा ने जोर पकड़ा।
मौसम में हल्का बदलाव शुरू हो गया। बीते 24 घंटों में न्यूतनम तापमान 10.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। जो इस सीजन का सबसे कम है। यह इस सीजन का सबसे कम तापमान रहा। अधिकतम तापमान में भी हल्की गिरावट दर्ज की गई है। मौसम विभाग के अनुसार कई जिलों में घना कोहरा होने की वजह से हवा में ठंडक बढ़ रही है। फिलहाल तापमान में 1.0 से 1.5 के आसपास ही परिवर्तन होगा। इसके बाद तापमान फिर थोड़ा ऊपर आएगा।
शनिवार को अधिकतम तापमान 26.7 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। अमौसी स्थित मौसम केन्द्र के अनुसार रविवार को सुबह कोहरा हो सकता है। रविवार को अधिकतम तापमान 26 और न्यूनतम 12 डिग्री सेल्सियस के आसपास रह सकता है। तूफान फेंगल की वजह से पुरवा ने जोर पकड़ा है। मौसम विभाग के अनुसार तापमान में गिरावट का सिलसिला कम है। इसकी वजह दक्षिण-पश्चिम बंगाल की खाड़ी के ऊपर चक्रवाती तूफान फेंगल है। इसकी वजह से पुरवा ने जोर पकड़ लिया है। नमी वाली पुरवा हवा की वजह से तापमान ज्यादा नीचे नहीं जा रहा है।
तूफान की वजह से चार फ्लाइटें निरस्त की गईं :
दक्षिण-पश्चिम बंगाल की खाड़ी के ऊपर चक्रवाती तूफान फेंगल की वजह से चार फ्लाइटें निरस्त कर दी गई हैं। तूफान की तीव्रता को देखते हुए शनिवार को दोपहर बाद चेन्नई एयरपोर्ट बंद कर दिया गया। साथ ही वहां जाने वाली उड़ानें भी निरस्त कर दी गईं। एयरपोर्ट सूत्रों के अनुसार इंडिगो की फ्लाइट 6ई 515 चेन्नई से लखनऊ और 6ई 515 लखनऊ से देहरादून निरस्त कर दी गई। इसी तरह 6ई 518 देहरादून से लखनऊ, 6ई 518 लखनऊ से चेन्नई को भी निरस्त कर दिया गया।
गर्भस्थ शिशु के जीवन को भी खतरा :
डॉ. सूर्यकांत ने बताया कि शरीर में वायु के साथ प्रदूषक तत्व जैसे मीथेन, कार्बन डाई ऑक्साइड, क्लोरो फ्लोरो कार्बन, सल्फर डाई ऑक्साइड आदि नाक के रास्ते शरीर में प्रवेश करते हैं, जिससे अस्थमा समेत कई बीमारियां, अन्य शारीरिक समस्याएं जैसे आंखों में जलन, बदन में खुजली और बालों का झड़ना आदि दिक्कत होती हैं। वायु प्रदूषण का सबसे अधिक नकारात्मक प्रभाव गर्भवती, बच्चों और बुजुर्गों पर पड़ता है। इस वजह से समय से पहले बच्चे का जन्म हो सकता है। यहां तक कि गर्भस्थ शिशु की मौत हो सकती है।