वेब वार्ता (न्यूज एजेंसी)/ अजय कुमार वर्मा
लखनऊ। विगत पिछले एक माह में जनपद आजमगढ़ में गलाघोंटू बीमारी की चपेट में आकर 10 बच्चों की मौत हो गई है जिसमें जनपद के मिर्जापुर ब्लाक से अलीराज पुत्र मिनहाज, कश्मीरा पुत्री रोजन, साजमा पुत्र मीरू, मुहम्मद पुत्री सुहैल, आतिफ पुत्री कैश, अतुकुन पुत्र पिंटू, प्रीती पुत्री सुनील, जाकिर अहमद पुत्र हामिद तथा ब्लाक मुहम्मदपुर से उम्मे हनी पुत्र हनी, आरिज पुत्र अब्दुल रहमान शामिल हैं।
उक्त घटना की गंभीरता को देखते हुए षनिवार को प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय पर उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी महासचिव, प्रभारी संगठन अनिल यादव ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश में गलाघोंटू बीमारी का प्रकोप बढ़ता जा रहा है अभी तक प्रदेश के तीन जिलों आजमगढ़, संभल और उन्नाव में उक्त बीमारी के लक्षण देखने को मिले हैं। उन्होंने कहा कि मैं इस बात को दावे से इसलिए कह रहा हूं कि मैं स्वयं भी जनपद आजमगढ़ से आता हूं जब मैंने वहां जमीनी स्तर पर जाकर देखा तो मुझे पता चला कि स्थिति कितनी भयावह है। अनिय यादव ने कहा कि 02 अगस्त को जनपद आजमगढ़ के मिर्जापुर ब्लाक में गलाघोंटू बीमारी से एक बच्चे की मौत हुई तब से अब तक कुल 10 बच्चों की मौत हो चुकी है। स्थानीय बच्चों की मौत को प्रशासन द्वारा यह कहकर छुपाया जा रहा कि बच्चों की मौत डिफ्थीरिया (गलाघोंटू) बीमारी के चलते नहीं बल्कि अन्य कारणों से हुई है। अभी तक दो बच्चों को ही डिफ्थीरिया बीमारी से मरने का प्रमाण पत्र मिला है। जिला अस्पलाल के द्वारा डिफ्थीरिया पीड़ित बच्चों को रेफर कर दिया जा रहा है। अभी कल रात ही एक बच्चे को पीजीआई से बीएचयू रेफर किया गया पीड़ित परिजन 1 घंटे तक एम्बुलेंस का इंतजार करते रहे मुझे घटना की जानकारी हुई तब मैंने सीएमओ को फोन किया तो उनका जवाब था कि एम्बुलेंस की जिम्मेदारी हमारी नहीं है यह व्यवस्था अब प्राईवेट सेक्टर को सौंप दी गई है। नतीजन उस बच्चे की भी मौत हो गई।
अनिल ने आगे बताया कि कांग्रेस का एक प्रतिनिधिमंडल जिसमें सांसद राकेश राठौर एवं स्वयं मैंने जनपद आजमगढ़ जाकर प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया तब बीमारी के भयावह स्थिति का पता चला। वहां के स्थानीय अधिकारियों का कहना है कि मृतकों के परिजन नट समाज से आते हैं और इन्होंने अपने बच्चों का टीकाकरण नहीं कराया है जबकि परिजनों से बात चीत के दौरान पता चला कि बच्चों का टीकाकरण कराया गया है। श्री यादव ने कहा कि बच्चों की मौत गलाघोंटू बीमारी से नहीं बल्कि उत्तर प्रदेश की लचर स्वास्थ्य व्यवस्था ने गला दबा कर की है। उन्होंने मीडिया के माध्यम से प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री को घेरते हुए कहा कि यदि जिले के सीएमओ तथा ब्लाक के स्वास्थ्य कर्मियों पर कार्यवाही नही करते तो हम 10 पीड़ित परिवार के परिजनों को लाकर स्वास्थ्य मंत्री के घर पर बैठकर उनसे यह पूछेंगे अगर 10 बच्चों की मौत गलाघोंटू से नहीं हुई तो किस बीमारी से हुई है। उन्होंने प्रशासन से मांग करते हुए कहा कि पीड़ितों के गांवों में अस्थाई स्वास्थ्य कैंप लगाया जाए और तत्काल राहत और बचाव के उपाय किए जाए।
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