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खालसा मेरो रुप है, खालसे महि हौं करो निवास… ने संगत को निहाल किया

– खालसा पंथ का 325वां स्थापना दिवस ‘‘बैसाखी पर्व’’ मनाया गया
वेब वार्ता (न्यूज एजेंसी)/ अजय कुमार वर्मा 
लखनऊ। खालसा पंथ का 325वां स्थापना दिवस (बैसाखी पर्व) ऐतिहासिक गुरूद्वारा श्री गुरु नानक देव जी नाका हिन्डोला, लखनऊ में श्रद्धा एवं पारम्परिक हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। गुरूद्वारा साहिब का भव्य दीवान हाल बहुत रंग बिरंगे गुब्बारों द्वारा बड़ी खूबसूरती से सजाया गया था, दीवान हाल के बीचो-बीच फूलों और बिजली की झालरों सुसज्जित सुन्दर संगमरमर की पालकी साहिब में श्री गुरू ग्रन्थ साहिब का प्रकाश किया गया था। बहुत सुबह से ही लखनऊ एवं आसपास के इलाकों से श्रद्धालु गुरूद्वारा नाका हिन्डोला में पहुॅचने लगे तथा पंक्तियों में खडे़ होकर श्री गुरूग्रन्थ साहिब के दर्शन के पश्चात अपना स्थान ग्रहण कर गुरूवाणी का रस पान किया। श्री अखण्ड पाठ की समाप्ति के पश्च रागी राजिन्दर सिंह ने अपनी मधुरवाणी में पवित्र आसा दी वार का अमृतमयी शबद कीर्तन गायन कर वातावरण को भक्ति रस से सराबोर कर दिया। विशेष रूप से पधारे हजूरी रागी भाई सिमरनजीत सिंह, श्री दरबार साहिब श्री अमृतसर वालों ने खालसा मेरो रुप है खालसे महि हौं करो निवास।। शबद कीर्तन गायन कर साध संगत को निहाल किया। ज्ञानी सुखदेव सिंह जी साबका प्रचारक दमदमी टकसाल श्री अमृतसर वालों ने खालसा पंथ साजना दिवस पर गुरमत विचारों द्वारा दिल को छू देने वाले विचार व्यक्त किये। भाई नरिन्दर सिंह जी बनारस वालों ने गुर संगत कीनी खालसा मनमुखी दुहेला। वाह वाह गोबिंद सिंह आपे गुर चेला।। गायन कर समूह संगत को मंत्र मुग्ध कर दिया। माता गुजरी सत्संग सभा की सदस्याओं एंव सिमरन साधना परिवार के बच्चों ने भी शबद कीर्तन गायन कर समूह साध संगत को भाव विभोर किया।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, नीरज सिंह, सरदार बलदेव सिंह, आनंद द्विवेदी ने गुरुद्वारा साहिब में गुरु महाराज के चरणों में माथा टेका।
मुख्यमंत्री ने पूरे सिख समाज उत्तर प्रदेश और देशवासियों को खालसा पंथ के साजना दिवस और बैसाखी पर्व की बधाई दी उन्होंने कहा कि आज ही के दिन 1699 की बैसाखी वाले दिन श्री गुरु गोबिंद सिंह जी महाराज ने देश धर्म और संस्कृति की रक्षा के लिए खालसा पंथ की स्थापना की थी उन्होंने अपने चारों पुत्र देश धर्म और संस्कृति की रक्षा के लिए बलिदान कर दिए थे और कोई दुख प्रकट नहीं किया था बल्कि संपूर्ण भारतवासियों, संगतो की तरफ देखकर कहा था कि इन पुत्रों के शीश पर वार दिए सुत चार चार मुए तो क्या  हुआ जीवत  कई हजार। लखनऊ गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के अध्यक्ष सरदार राजेंद्र सिंह बग्गा ने उनको गुरु घर का सम्मान सिरोपा एवं स्मृति चिन्ह देखकर सम्मानित किया
अरदास के उपरान्त उपस्थित श्रद्धालुओं में प्रसाद वितरित किया। सम्पूर्ण कार्यक्रम का संचालन स0 सतपाल सिंह मीत ने किया।

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