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एनआरसी में सैम बच्चों को भर्ती करने हेतु स्वास्थ्य विभाग से अपेक्षा

वेब वार्ता (न्यूज एजेंसी)/ अजय कुमार वर्मा
लखनऊ। आज जिलाधिकारी लखनऊ सूर्य पाल गंगवार द्वारा कलेक्ट्रेट सभागार में जिला पोषण समिति की एक महत्त्वपूर्ण बैठक आहूत की गई। बैठक में मुख्य विकास अधिकारी के साथ-साथ जिला कार्यक्रम अधिकारी एवं परियोजना अधिकारी तथा जिला स्तारीय अधिकारी भी उपस्थि रहें।
बैठक में जिलाधिकारी द्वारा एन0आर0सी0 (न्यूट्रीशन रिहैविलेटेशन सेंटर) में सैम बच्चों को भर्ती करने हेतु स्वास्थ्य विभाग के उपस्थिति अधिकारियों से अपेक्षा की गयी कि आर0वी0एस0के0 टीम व प्रभारी चिकित्सा अधिकारी प्रत्येक शनिवार को विशेष कैम्प का आयोजन सामुदायिक स्वास्थ केन्द्रों पर करें तथा सैम बच्चों के माता पिता को परामर्श दे ताकि अधिक से अधिक सैम बच्चों के स्वास्थ्य में सुधार लाते हुए जनपद की स्वास्थ्य रैकिंग में सुधार लाया जा सकें। साथ ही समस्त बाल विकास परियेाजना अधिकारियों से अपेक्षा की गयी कि इस दिन अधिक से अधिक सैम समुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर लाने हेतु अपने स्तर से आंगनबाड़ी कार्यकत्री व मुख्य सेविकाओं के लिए निर्देश निर्गत किया जाए। साथ ही स्वास्थ्य एवं बाल विकास विभाग के मध्य बेहतर समन्वय ट्रीपल ए (आंगनबाड़ी कार्यकत्री, आशा एवं ए0एन0एम0) की बैठक ब्लॉक स्तर पर आयोजित किये जाने हेतु विशेष जोर दिया गया।
बाल विकास विभाग से ग्राम पंचायत में हो रहे विभिन्न कार्यो हेतु जारी धनराशि का उपभोग प्रमाण पत्र उपलब्ध कराने तथा अन्य विभागों के कार्यो के प्रगति जानने हेतु व मा0 मुख्यमंत्री डैशवोर्ड पर विभिन्न कार्यो की प्रगति की फीड़िग हेतु खण्ड विकास अधिकारी की अध्यक्षता में ब्लॉक स्तरीय अधिकारियों की बैठक किये जाने का निर्देश दिया गया।
आंगनबाड़ी केन्द्रों के निर्माण हेतु नगरीय क्षेत्रों तथा परिषद के विद्यालयों में भूमि उपलब्ध होने की दशा में संबंधित उपजिलाधिकारी से मिल कर भूमि का प्रस्ताव कराने हेतु संबंधित बाल विकास परियोजना अधिकारियों को निर्देशित किया गया।
हॉट कुक्ड योजना के अन्तर्गत नगरीय व ग्रामीण केन्द्रों पर बच्चों को खाना खाने हेतु बर्तन उपलब्ध कराने तथा बच्चों के पोषण का ग्रेड निर्धारण हेतु विभिन्न ग्रोथ मॉनीटारिंग डिवाईसेज (यथा इन्फेन्टोमीटर, स्टेडियोमीटर व बेबी एवं एडल्ट वेईग मशीन की उपलब्धता पर विशेष ध्यान देते हुए निर्देश दिया गया कि परियोजना वार आवश्यक डिवाईसेज के क्रय व आपूर्ति हेतु निदेशालय से अनुरोध किया जाए। यदि आपूर्ति नहीं होती है तो खराब/अक्रियाशील डिवाईसेज को ठीक कराने की कार्यवाही 01 माह के अंदर पूर्ण कर ली जाए।
उक्त के बाद पोषण ट्रैकर एप पर आंगनबाड़ी कार्यकत्री द्वारा किये जा रहे सातों कंपोनेंट की समीक्षा करते हुए जिलाधिकारी ने अपेक्षा किया है कि एक भी बच्चे का वजन छूटना नहीं चाहिए।
अंत में मुख्य विकास अधिकारी द्वारा स्वाथ्य, शिक्षा आदि इंडिकेटरर्स में उन्नयन हेतु बैठक में उपस्थित समस्त अधिकारियों से बेहतर परिणाम के लिए बेहतर समन्वय स्थापित करने पर जोर दिया।

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