वेब वार्ता (न्यूज एजेंसी)/ अजय कुमार वर्मा
वाराणसी 18 सितम्बर। काशी के शंकराचार्य घाट स्थित श्रीविद्यामठ में आज सुबह 9 बजे से ब्रम्हलीन द्विपीठाधीश्वर जगदगुरु शंकराचार्य जी महाराज का 100वां अवतरण दिवस मनाया गया। सर्वप्रथम पूज्यपाद ब्रम्हलीन शंकराचार्य स्वरूपनान्द सरस्वती जी महाराज के चरण पादुका का पूजन किया गया। तत्पश्चात धर्मसभा का आयोजन हुआ।
जगदगुरु शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती जी महाराज के मीडिया प्रभारी संजय पाण्डेय ने बताया कि जगदगुरु शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती जी महाराज ने ही राजीव गांधी से कहकर राम मंदिर का ताला खुलवाया और राम मंदिर हेतु रामालय ट्रस्ट का गठन करके राष्ट्र के समस्त धर्माचार्यों को एक मंच पर लाकर राम मंदिर हेतु ऐतिहासिक संघर्ष किया। अपने अधिवक्ता पी.एन. मिश्रा के माध्यम से राम जन्म भूमि व राम मंदिर का मुकदमा लड़कर व वर्तमान ज्योतिष्पीठाधीश्वर जगदगुरु शंकराचार्य स्वामिश्री अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती से अकाट्य गवाही दिलवाकर राम जन्मभूमि व राम मंदिर का फैसला हिदुओं के पक्ष में करवाया। स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती जी महाराज के ईक्षा व आदेश से गंगा जी को राष्ट्रीय नदी घोषित कराने हेतु राष्ट्रव्यापी ऐतिहासिक धर्मान्दोलन की बिगुल फूंका गया। जिसकी कमान वर्तमान में जगदगुरु शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती जी महाराज ने संभाली। अनेकों बलिदान के पश्चात माता गंगा राष्ट्रीय नदी घोषित हुई।
कार्यक्रम में प्रमुख रूप से अभिषेक दुबे, दिपेश कुमार दुबे, बालेंदु नाथ मिश्रा, किरण कुमार, सावित्री पाण्डेय, लता पाण्डेय, अजित मिश्रा, रमेश पाण्डेय, शिवकांत मिश्रा, रविन्द्र मिश्रा, अभिषेक राव आदि लोग सम्मलित थे।
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