वेब वार्ता (न्यूज़ एजेंसी)/धनंजय कुमार
जमशेदपुर 2 नवंबर। दीपों व प्रकाश का त्यौहार दिवाली के दिन ईश्वर से प्रार्थना करें कि हमारे देश को प्रदूषण और कोरोना से मुक्ति मिले। हिंदूधर्म और शास्त्रों के अनुसार यह कहा जाता है कि समुद्र मंथन के दौरान कार्तिक मास की अमावस्या के दिन समुद्र मंथन करते समय देवी लक्ष्मी की उत्पत्ति हुई थी। इसीलिए दीपावली के दिन माता लक्ष्मी का जन्मदिन मनाया जाता है साथ ही उनकी पूजा की जाती है। वहीं यह त्यौहार भगवान श्री राम के जीत की खुशी के तौर पर भी मनाया जाता है। बड़े बुजुर्गों की माने तो आज के दिन सारे गिले-शिकवे दूर कर एक दूसरे को दिवाली की हार्दिक बधाई दे तथा दीपक जलाकर खुशियों का इजहार करें। समाज के बुजुर्गों का एक बड़ा वर्ग का कहना है कि हमारे समय में लोग; आज के दौर की तरह ध्वनि प्रदूषण व वायु प्रदूषण नहीं किया करते थे इसलिए हमारा देश प्रदूषण मुक्त था। उनका मानना है कि हमसब जितना प्रदूषण का विस्तार करेंगे उसका नतीजा भी हम सब को ही भुगतना पड़ेगा। आप देख ले कि द लांसेट की स्टडी के अनुसार वर्ष 2019 में भारत में वायु प्रदूषण के कारण लगभग 16.7 लाख लोगों की मृत्यु हुई थी इसके बाद भी हम प्रदूषण फैलाने से बाज नहीं आते, नासमझ की तरह एक दूसरे का देखा-देखी हजारों रुपए के फटाके जला देते हैं अंततः इसका दुष्परिणाम जनता को भुगतना पड़ता है, सरकार को नहीं। यदि प्रदूषण का लेबल ऐसे ही बढ़ता रहा तो ना जाने आने वाले समय में कितनी मौतें होगी? इसी के मद्देनज़र झारखंड राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने 30 अक्टूबर 2021 को गाइडलाइन जारी किया की दीपावली की रात 8 से 10 बजे तक ही पटाखे जलाए जा सकेंगे। छठ के दिन सुबह 6 से 8 बजे एवं गुरुपर्व पर रात 8 से 10 बजे तक के लिए पटाखे का उपयोग किया जा सकता है। विदित हो कि सरकार आपको आदेश-निर्देश जारी कर सकती है; समाज व शहर में बारूद रूपी जहर को रोकना या ना रोकना आपके हाथ में है और यदि आपको लगता है कि इस तरह का जहर फैलाकर हमारे भगवान खुश रहेंगे तो यह सोच गलत है। ऐसे में बहुत से लोगों का मानना है कि कोविड-19 के बुरे दौर में पटाखें का इस्तेमाल ही बेकार है, जो सीधा इम्यूनिटी पर असर करती है। वहीं क्षेत्र के जनता के हितार्थ हेतु परसुडीह थाना के मुखिया विमल किंडो ने भी अपने क्षेत्र के लोगों से अपील किया की दिवाली में सरकार के द्वारा जारी किए गए गाइडलाइन को अपनाएं और अपने वातावरण को बारूदमय होने से बचाएं।
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