वेब वार्ता (न्यूज एजेंसी)/ अजय कुमार वर्मा
लखनऊ 03 अक्टूबर। उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा मदरसों के छात्र छात्राओं को मुख्य धारा से जोड़ने का निरन्तर कार्य किया जा रहा है। अल्पसंख्यक कल्याण विभाग द्वारा अन्य बोर्डो से कदम ताल मिलाने के लिए बेसिक शिक्षा विभाग के साथ मिलकर मदरसा शिक्षा परिषद में एक दूरगामी कदम उठाया जा रहा है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 की अनुशंसाओं के क्रियान्वयन के सम्बंध में कल यहां इन्दिरा गाँधी प्रतिष्ठान में पूर्वान्ह 11ः00 बजे स्कूलों एवं मदरसों के अध्यापकों के लिए एक प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है। इस अवसर पर प्रदेश के विद्यालयों एवं मदरसों के अध्यापकों के अभिमुखीकरण हेतु ‘‘ओरिएंटेशन मॉड्यूल ऑन ए0आई’’ का शुभारम्भ किया जायेगा, जिससे मदरसों के छात्र-छात्राओं के पाठ्यक्रम में डिजिटल लिट्रेसी, कोडिंग एवं आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस को शामिल कर कम्प्यूटेशनल थिंकिंग को बढ़ावा मिल सकेगा। यह जानकारी आज यहां उत्तर प्रदेश के अल्पसंख्यक कल्याण, मुस्लिम वक्फ एवं हज मंत्री धर्मपाल सिंह ने दी।
उन्होंने बताया कि इस वर्ष सारे मदरसों को न्क्प्ैम् से भी जोड़ा गया है। बच्चों का आधार प्रमाणीकरण कराया गया है जिसके फलस्वरूप प्रदेश के 16,513 मदरसों में 13,92,325 छात्र छात्राएं अध्ययनरत हैं। इसी क्रम में मदरसों में बेसिक शिक्षा परिषद का पाठ्यक्रम पढ़ाया जा रहा है और आधुनिक विषयों के अध्यापन की व्यवस्था की गयी है। परम्परागत एवं आधुनिक शिक्षा में एकरूपता लाने के उद्देश्य से मदरसों में बेसिक शिक्षा विभाग द्वारा पुस्तकें उपलब्ध करायी जा रही है। अभी तक कुल 1275 मदरसों में कम्प्यूटर दिये जा चुके हैं। 7442 मदरसों में बुक बैंक विज्ञान किट गणित किट दिये जा चुके हैं। इन सभी प्रयासों से निरन्तर शिक्षा के स्तर में सुधार हुआ है।
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