– रोहिणी आयोग ने रिपोर्ट सौंपने के लिए केंद्र सरकार से मांगा समय।
अजय कुमार वर्मा ‘स्वर्णकार
लखनऊ। रोहिणी आयोग जल्द ही अपनी रिपोर्ट केंद्र सरकार को सौंपने वाली है। इस रिपोर्ट में की गई सिफारिशों के लागू होने पर पिछड़ी जातियों के 27 फीसदी आरक्षण को तीन हिस्सों में बांटे जाने का रास्ता साफ हो जाएगा।
ज्ञात हो कि सरकार ने ओबीसी के आरक्षण को 3 भागों में बांटा था, जिसमें सुनार जाति को सामान्य वर्ग में यादव, कुर्मी, गुर्जर के साथ रखा था जिसका विरोध संपूर्ण भारत में सबसे पहले स्वर्णकार समाज के अग्रणी संगठन राष्ट्रीय स्वर्णकार मंच ने किया था और तत्कालीन पिछड़ा वर्ग कल्याण मंत्री ओमप्रकाश राजभर को अपना ज्ञापन भी दिया था, इसके साथ ही पिछड़ा वर्ग आयोग को भी ज्ञापन दिया था। परिणामत: हिंदुस्तान के कोने कोने से सुनार समाज ने अपने अपने राज्यों के साथ केंद्र सरकार से मांग रखी थी। इस प्रकार अब देखना यह है केंद्र सरकार द्वारा बनाए गए आयोग की रिपोर्ट के बाद अन्य पिछड़ा वर्ग की करीब डेढ़ हजार जातियों के साथ सोनार जाति को उनका वाजिब हक मिलेगा या नहीं।
संगठन के महासचिव अजय कुमार वर्मा ‘स्वर्णकार’ ने कहा कि जस्टिस रोहिणी आयोग ने ओबीसी आरक्षण के वर्गीकरण का काम पूरा कर लिया है। आयोग ने रिपोर्ट सौंपने के लिए केंद्र सरकार से समय मांगा है। आयोग का कार्यकाल 31 जुलाई को खत्म हो गया है। “राष्ट्रीय स्वर्णकार मंच” सोनार समाज की समस्याओं को समय समय पर राज्य एवं केंद्र सरकार के समक्ष रखता रहा है। “राष्ट्रीय स्वर्णकार मंच” को पूरा विश्वास है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी सोनार जाति को न्याय देंगे और सुनार जाति को “अत्यंत पिछड़ा वर्ग” में उचित स्थान देते हुए समाज के विकास में सहयोग करेंगे।
इन राज्यों में पहले से ओबीसी आरक्षण का बंटवारा इन ग्यारह राज्यों में पहले से ही है ओबीसी आरक्षण का वर्गीकरण देश के करीब 11 राज्य ऐसे हैं, जहां पहले से ही ओबीसी आरक्षण का बंटवारा किया जा चुका है। इन राज्यों में आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु, बंगाल, झारखंड, बिहार, हरियाणा, कर्नाटक, तेलंगाना, महाराष्ट्र, जम्मू-कश्मीर और पुडुचेरी शामिल हैं। इसके अलावा भी कई राज्यों में इस पर तेजी से काम चल रहा है। आयोग ने अपने अध्ययन में इस राज्यों के फार्मूले को भी बारीकी से परखा है।