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लोकतंत्र के लिए विधायी शुचिता और पारदर्शिता महत्वपूर्ण है: लोक सभा अध्यक्ष

– सहमति और असहमति लोकतंत्र की ताकत हैं: लोक सभा अध्यक्ष
– विधायिका को मजबूत करने और लोगों से जुड़ने के लिए डिजिटल प्रौद्योगिकी का अधिक से अधिक उपयोग किया जाना चाहिए: ओम बिरला
वेब वार्ता (न्यूज एजेंसी)/ अजय कुमार वर्मा
मिजोरम। लोक सभा अध्यक्ष ओम बिरला ने मिजोरम विधान सभा में आयोजित ब्च्। भारत क्षेत्र जोन -3 के 21वें सम्मेलन का उद्घाटन किया। इस अवसर पर मिजोरम के मुख्य मंत्री लालदुहोमाय राज्य सभा के उपसभापति हरिवंशय नागालैंड विधान सभा अध्यक्ष और सीपीए इंडिया क्षेत्र, जोन – प्प्प् अध्यक्ष शेरिंगेन लोंगकुमेरय मिजोरम विधान सभा अध्यक्ष लालबियाकजामा और मिजोरम विधान सभा के उपाध्यक्ष लालफामकिमा उपस्थित रहे। मिजोरम विधान सभा के सदस्य और अन्य गणमान्य व्यक्ति इस सम्मेलन में शामिल हुए।
सम्मलेन के मुख्य विषय, ‘लोकतान्त्रिक शुचिता, पारदर्शिता, जवाबदेही और लोकतंत्र से परिणाम’ पर बोलते हुए श्री बिरला ने कहा कि विधायी शुचिता और पारदर्शिता लोकतंत्र को सशक्त करने में सहायक सिद्ध होती है। उन्होंने जोर देकर कहा कि विधायिका की शुचिता बनाए रखना पीठासीन अधिकारियों का विशेष दायित्व है और इस दिशा में उन्हें सदैव सजग रहना चाहिए । यह विचार व्यक्त करते हुए कि सदस्यों के गरिमामयी आचरण से पारदर्शिता सुनिश्चित होती है, उन्होंने कहा कि विधायी कार्य में जनता की आशाओं और अपेक्षाओं को प्रमुखता मिलनी चाहिए। उन्होंने आगे कहा कि लोकतन्त्र तभी सशक्त होता है, जब सदन सहमति – असहमति के बावजूद सामूहिक रूप से, गरिमा और शालीनता से लोकहित के विषयों पर चर्चा और संवाद करता हैं।
इस बात पर जोर देते हुए कि विधानमंडल आम लोगों से संबंधित मुद्दों पर उपयोगी चर्चा के लिए मंच हैं, श्री बिरला ने कहा कि निर्वाचित प्रतिनिधियों को विधानमंडल के मंच का उपयोग लोगों की समस्याओं के समाधान के लिए करना चाहिए। उन्होंने विचार व्यक्त किया कि इससे नागरिकों का विधायी संस्थाओं पर विश्वास बढ़ेगा, विधि निर्माण की गुणवत्ता बढ़ेगी और और विधायी संस्थाओं की गरिमा भी बढ़ेगी। विधायिका के कार्य क्षेत्र का उल्लेख करते हुए श्री बिरला ने कहा कि विधायिका को विधि और नीति निर्माण के साथ साथ शासन की जवाबदेही पर जोर देना चाहिए जिससे आम नागरिकों के जीवन में सामाजिक आर्थिक परिवर्तन लाया जा सके। उन्होंने कहा कि यह आवश्यक है कि विधायकों को प्रशिक्षित किया जाए, सदन में जनप्रतिनिधियों की भागीदारी बढे और विकास का लाभ समाज के अंतिम व्यक्ति तक पहुंच सके। इस अवसर पर श्री बिरला ने मिजोरम विधान सभा पुस्तकालय के आर्काइव्ज अनुभाग का उद्घाटन किया।

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