– पशुधन गाॅंव के किसान एवं पशुपालकों की आर्थिक उन्नति का प्रमुख साधन : लक्ष्मी नारायण चौधरी
वेब वार्ता (न्यूज़ एजेंसी)/ अजय कुमार वर्मा
लखनऊ 07 जनवरी। उत्तर प्रदेश के पशुधन, दुग्ध विकास एवं मत्स्य विकास मंत्री लक्ष्मी नारायण चौधरी ने प्रदेश के पशुपालकों को उनके द्वार पर पशुधन की त्वरित चिकित्सा, सुरक्षा एवं सेवा उपलब्ध कराने के लिए मोबाईल वेटेरिनरी यूनिट का शुभारम्भ किया। इस अवसर पर उन्होंने भारत सरकार एवं राज्य सरकार का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि भारत सरकार की योजनान्तर्गत प्रत्येक एक लाख पशुधन की संख्या पर एक मोबाईल यूनिट की स्थापना के दृष्टिगत 520.37 लाख कुल गाय एवं भैंसों की संख्या के सापेक्ष 520 मोबाईल वेटेरिनरी यूनिट की स्थापना की जा रही है, जिसका संचालन प्रदेश में पशु चिकित्सा के क्षेत्र में मील का पत्थर साबित होगा।
पशुधन मंत्री ने कहा कि मोबाईल पशुचिकित्सालयों की स्थापना एवं संचालन से कृषकों/पशुपालकों को पशुधन की सुरक्षा के प्रति सुगमता होगी तथा पशुपालकों को उनके द्वारा पर गुणवत्तायुक्त सेवाओं की ससमय उपलब्धता से वे लाभान्वित होगें।
उल्लेखनीय है कि उत्तर प्रदेश पशुधन संख्या के दृष्टिकोण से देश का सबसे बडा़ प्रदेश है, जहाॅ पर 2019 की पशुगणना के अनुसार 190.20 लाख गौवंशीय, 330.17 लाख महिषवंशीय, 09.85 लाख भेड़, 144.80 लाख बकरी, 04.08 लाख सूकर एवं 125.16 लाख (कुक्कुट) हैं। प्रदेश में उपलब्ध कुल पशुधन संख्या के 70 प्रतिशत पशुओं का पालन-पोषण लघु, सीमांत कृषकों एवं भूमिहीन कृषि मजदूरों द्वारा किया जा रहा है। इस हेतु विभागीय योजनाओं में उक्त श्रेणी के कृषक परिवारों के साथ-साथ समाज के कमजोर वर्ग पर विशेष ध्यान केन्द्रित कर उनकी आय दोगुनी किए जाने हेतु विभागीय कार्यक्रमों द्वारा सहयोग प्रदान किया जा रहा है। पशुधन क्षेत्र विदेशी मुद्रा अर्जन का एक महत्वपूर्ण स्रोत भी है, डेयरी, मांस, ऊन, पोल्ट्री और अन्य मूल्यवर्धित उत्पादों के निर्यात के लिए प्रदेश में विकास की अपार संभावनाएं है।
कार्यक्रम में पशुधन विभाग के निदेशक, प्रशासन एवं विकास, डॉ0एस0के0 मलिक,, निदेशक, रोग नियंत्रण एवं प्रक्षेत्र, डा0 इन्द्रमणि, अपर निदेशक-गोधन, डॉ अरविंद कुमार सिंह तथा अपर निदेशक- नियोजन आदि अधिकारी उपस्थित थे।