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शंकराचार्य ने दिया “कोरोना भागीरथ सम्मान”, दिखाई डेटा रथ को हरी झंडी

वेब वार्ता (न्यूज़ एजेंसी)/ अजय कुमार वर्मा
वाराणसी 28 मार्च। देश-दुनिया में कोरोना का तांडव कोई भूल नहीं सकता। पूरी दुनिया ने ऐसी भयंकर विनाश लीला देखी है जिस की कोई कल्पना तक नहीं कर सकता। इसी विनाशकाल में जहाँ लाखों लोग तड़प तड़प के मर गए और कोई कुछ कर भी नहीं सका। वहीँ दूसरी ओर उन के अपने उन का अंतिम दर्शन भी नही कर पा रहे थे। लाशें पैकेट में आ रही थी और सीधे श्मशान घाट जलने जा रही थीं, यह विश्व की वह त्रासदी है जो मनुष्य कभी नहीं भूल सकता उक्त वाक्य एक प्रेस वार्ता में जगद्गुरु शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद जी महाराज ने कहीं।
शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद ने आगे कहा कि ऐसे भयंकर कोरोना के तांडव के बीच कुछ लोग देवदूत बनकर लोगो की मदद कर रहे है थे। कोई खाना खिला रहा था तो कोई हॉस्पिटल लेकर जा रहा था, तो कोई लाशों का अंतिम संस्कार कर रहा था। ऐसे वीर योद्धाओं को “कोरोना वॉरियर्स” बोला गया। लेकिन ऐसे मौके पर एक उन मृतात्माओं का विधि-विधान से अंतिम संस्कार, यानी उनकी आखिरी वैदिक विदाई नहीं हो पाई और न ही पिंड दान हुआ, ना ही अस्थिविसर्जन हुआ, क्योंकि सब कुछ बहुत आपाधापी में दूर से हुआ। लोगो के मन में यह टीस आज भी है और अगर शास्त्रों की बात करें तो वैदिक विधिविधान से अंतिम संस्कार बहुत जरूरी है। ऐसा ना होने से आत्माओं को मुक्ति नही मिलती है।
मीडिया प्रभारी संजय पण्डे ने बताया कि ऐसे ही लोगों को जिन्होंने अपनों को कोरोना में खोया है, उन के अपनों के लिए विश्व की पहली श्रीमद्भागवत महापुराण कथा का भावुक आयोजन बनारस में होने जा रहा है। इसके वाचक ‘परमाराध्य’ परमधर्माधीश उत्तराम्नाय ज्योतिष्पीठाधीश्वर जगद्गुरु शङ्कराचार्य स्वामिश्रीः अविमुक्तेश्वरानन्दः सरस्वती 1008 द्वारा कहा जाएगा। यह कथा में 11 हजार पंडित वैदिक परंपरा से कोरोना में दिवंगत आत्माओं के लिए मोक्ष और भक्ति की प्रार्थना करेंगे। इस क्रम में शंकराचार्य जी महाराज द्वारा “कोरोना भगीरथ सम्मान” की श्रंखला शुरू कर रहे है और पहला सम्मान OTT56 प्लेटफार्म के डायरेक्टर्स विभा शर्मा व गौरव तिवारी को दिया गया है। “कोरोना भगीरथ सम्मान” पूरे विश्वभर में ऐसे लोगो को दिए जाएंगे जो इस कथा के माध्यम से इस भागीरथ प्रयास में अपना योगदान देगा।
     इस कथा को जन-जन तक पहुँचाने व सम्पूर्ण भारत मे घूम-घूम कर कोरोना में दिवंगत हुए लोगो का डेटा इकट्ठा करने के लिए के लिए तैयार एक रथ को असि घाट पर महामंडलेश्वर सतुआ बाबा सन्तोष दास, ब्रम्हचारी मुकुंदानंद, बीएचयू के न्यूरोलॉजिस्ट डॉ विजय नाथ मिश्र द्वारा हरी झंडी दिखाई गयी। इस डेटा के माध्यम से कथा के अंतिम दिन हज़ारों पंडितों के मंत्रोच्चार के द्वारा उनकी मुक्ति के उपाय किये जायेंगे। यह सारा कार्य स्वयं शंकराचार्य जी की देख-रेख में पूर्ण होगा। कोरोना भागीरथी रथ को संतों ने दिखाई सनातनी झंडी दिखाई। गौरव तिवारी ने बताया कि ऐसे 100 रथ सम्पूर्ण भारत मे भेजे जायेंगे।
इस कार्यक्रम में मीडिया प्रभारी सजंय पाण्डेय, राम सजीवन शुक्ला, सुनील शुक्ला, सुनील उपाध्याय, रविन्द्र मिश्रा, राज कुमार शर्मा, राकेश पाण्डेय, अरुण ओझा, शिवाकांत मिश्रा, कमलेश एवं वाराणसी के पत्रकारगण कैलास सिंह विकास सहित लखनऊ से आये वेब वार्ता (न्यूज़ एजेंसी) के अजय कुमार वर्मा उपस्थित थे।

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