वेब वार्ता (न्यूज़ एजेंसी)/ अजय कुमार वर्मा
लखनऊ 18 मार्च। बिजली कर्मियों द्वारा निजीकरण का विरोध, पुरानी पेंशन बहाली और संविदाकर्मियों को नियमित करने की मांग को लेकर किये जा रहे हड़ताल से समूचे उ0प्र0 में आम जनता त्राहि-त्राहि कर रही है। विशेषकर ग्रामीण क्षेत्रों में लगातार तीन दिनों से विद्युत आपूर्ति न होने से पानी की समस्या से लोग परेशान हैं। यहां तक कि बिजली के अभाव में पेयजल आपूर्ति ठप्प होने से लोग पेयजल के लिए परेशान हैं। उ0प्र0 कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष बृजलाल खाबरी पूर्व सांसद ने कहा कि प्रदेश की आम जनता में पानी, बिजली के लिए हाहाकार मचा है और सरकार बिजलीकर्मियों की जायज मांगों को मानने और बिजली समस्या तुरन्त दूर करने के बजाए विद्युतकर्मियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराकर उत्पीड़न करने पर उतारू है।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि योगी सरकार के पिछले मुख्यमंत्रित्व काल में बिजली कर्मियों के पीएफ का हजारों करोड़ रूपये भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गया। DHFL कम्पनी से सांठगांठ का तत्कालीन विभागीय मंत्री और अधिकारियों पर आरोप लगा किन्तु सरकार ने कोई ठोस कदम नहीं उठाये। श्री खाबरी ने कहा कि उ0प्र0 में बिजली की दरें लगातार बढ़ रही हैं और उपलब्धता घट रही है। भारतीय जनता पार्टी ने अपने घोषणापत्र में किसानों को जहां निःशुल्क बिजली मुहैया कराने का वादा किया था वह जुमला साबित हुआ। आज देश में सर्वाधिक बिजली की दर उ0प्र0 की जनता झेल रही है।
उन्होने कहा कि स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाने के नाम पर अडानी ग्रुप से पांच हजार चार सौ करोड़ रूपये के टेण्डर का खुलासा होने और विरोध होने पर टेण्डर निरस्त किया गया। जिस प्रकार प्रदेश में तीन दिनों से विद्युत आपूर्ति बाधित है इससे यह साफ होता है कि योगी सरकार का शासन प्रशासन पर नियंत्रण खत्म हो चुका है। योगी सरकार की हठ धर्मिता का दुष्परिणाम जनता झेल रही है। प्रदेश में विद्युत समस्या के लिए पूरी तरह से योगी सरकार जिम्मेदार है।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि कांग्रेस पार्टी शुरू से ही निजीकरण के खिलाफ और पुरानी पेंशन बहाली की पक्षधर रही है। कांग्रेस पार्टी विद्युत कर्मियों के शोषण और उन पर किये जा रहे जुल्म, अन्याय के खिलाफ संघर्ष करेगी।
