वेब वार्ता (न्यूज़ एजेंसी)/ अजय कुमार वर्मा
लखनऊ 18 मार्च। ऊर्जा मंत्री ए.के. शर्मा ने कहा कि प्रदेश की शांति व्यवस्था को भंग करने एवं राष्ट्रीय सम्पत्ति को नुकसान पहुचाने तथा आमजन को मुसीबत में डालने वाले विद्युत कर्मियों के खिलाफ ऊर्जा विभाग ने अब तक की सबसे बड़ी कार्यवाही की है। ऐसे कार्मिक मा0 हाईकोर्ट के आदेशों की अवेहलना करने तथा सरकार के निर्देशों को न मानने के दोषी है और जनविरोधी कार्यों में लिप्त पाये गये है। हड़ताल करने वाले ऐसे 22 कर्मचारियों पर इसेंशियल सर्विसेज मेन्टिनेंस एक्ट (ESMA) के तहत कार्यवाही की गयी है। जो अव्यवस्था कर रहे हैं उन पर भी FIR दर्ज कराने के निर्देश दिए गये। अभी तक 29 कार्मिकों के खिलाफ FIR व 06 कर्मियों को सस्पेन्ड कर दिया गया है और उनको लखनऊ के बाहर भेजने के निर्देश दिये गये। उन्होने कहा कि आउटसोर्सिंग कर्मियों की नौकरी परमानेंट नहीं होती। ऐसे 1332 संविदा कर्मियों को बर्खास्त कर दिया गया है। 04 घंटे की मौहलत और दी गयी है। कार्य पर वापस न आने वाले ऐसे हजारों कर्मिकों को आज रात ही बर्खास्त किया जायेगा।
ऊर्जा मंत्री ए.के. शर्मा आज शक्ति भवन में विद्युत कर्मियों की हड़ताल से उत्पन्न परिस्थितियों एवं अब तक की गयी कार्यवाही के संबंध में प्रेस वार्ता कर जानकारी दे रहे थे। विगत 05 दिनों से बिजली कर्मियों के कुछ संगठन के इशारे पर कर्मचारी हड़ताल एवं कार्य वहिष्कार कर रहे हैं। हड़ताल के बावजूद विद्युत व्यवस्था सामान्य है। अबतक आमजन के हितों में इसका ज्यादा प्रभाव नहीं पड़ा है। हमने हड़ताली संगठनों एवं कार्मिकों के साथ बार-बार वार्ता की। लेकिन अपनी हटधर्मिता के कारण उन्होने हमारी बात अनसुनी कर दी।

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