वेब वार्ता (न्यूज़ एजेंसी)/ अजय कुमार वर्मा
आजमगढ़ 18 मार्च। मत्स्य मंत्री डॉ संजय कुमार निषाद ने आजमगढ़ के जल्दीपुर ग्राम सभा में सर्वोदय इंटर कॉलेज में प्रेसवार्ता को संबोधित करते हुए कहा कि निषाद पार्टी का विजन और मिशन है कि गांव के गरीब के हाथ मे पावर आये, क्योंकि आजादी के 70 दशक बाद भी देश प्रदेश में राज करने वाली पार्टियों ने केवल अपने सहयोगियों को लाभ पहुँचाया किन्तु गाँव के गरीब के नाम पर वोट लेने के बाद भी उनके लिए कभी कुछ नही किया। आज हमारी सरकार सबका साथ-सबका विकास-सबका विश्वास के लक्ष्य के साथ कार्य कर रही है। निषाद पार्टी और भारतीय जनता पार्टी की नीति है कि गाँव के गरीब के साथ साथ हर धर्म और वर्ग का विकास है।
श्री निषाद जी ने विपक्ष की सरकारों पर आरोप लगाया की वह इन्हे अछूत समझते थे उनका आज केंद्र व प्रदेश सर्कार ख्याल रख रही है। पिछले बजट में 20 हजार करोड़ ब्लू रेवोल्यूशन के नाम पर और वर्तमान बजट में 6 हजार करोड़ रुपये का प्रावधान कर मछुआ समाज को विकास के क्रम में आगे बढ़ाने का कार्य किया जा रहा है।
श्री निषाद ने बताया कि प्रदेश सरकार 2022-23 में सभी मछुआरों को मत्स्य पालक कल्याण कोष से निम्न मदों में सहायता प्रदान की जा रही है।
(क) मत्स्य पालक/मछुआरा बाहुल्य ग्रामों में अवसंरचनात्मक (बारात घर) सुविधाओं की स्थापना, सामुदायिक भवन का निर्माण भी सम्मिलित है।
(ख) दैवीय आपदाओं से हुई किसी क्षति की स्थिति में मत्स्य पालक/मछुआरा परिवार को वित्तीय सहायता का उपबंध कराना।
(ग) वैवाहिक सहायता।
(घ) शिक्षा हेतु सहायता (कोचिंग, कौशल उन्नयन, छात्रवृत्ति आदि)।
(ङ) चिकित्सा सहायता।
(च) वृृद्धावस्था सहायता।
(छ) केन्द्र सरकार/राज्य सरकार द्वारा मछुआ आवास निर्माण सहायता की अनुज्ञा प्रदान की जायेगी।
(ज) उच्च तकनीकी ज्ञान प्रदान करने, अन्तर्राज्यीय भ्रमण, दक्षता विकास प्रदर्शनी और सेमिनारों के लिए मत्स्य पालकों/मछुआरों के प्रशिक्षण/भ्रमण पर कुल कोष का दो प्रतिशत तक व्यय।
(झ) मत्स्य पालक/मछुआ परिवारों की महिलाओं को सशक्त करना।
(ञ) मछली पकड़ने के जाल/उपकरणों की सुविधा की व्यवस्था करना और मछली विक्रय हेतु मोपेड आइस बाक्स आदि उपलब्ध कराना।
(ट) मत्स्य सम्बन्धी अल्पकालिक तथा दीर्घकालिक बैंक ऋण/मत्स्य पालक क्रेडिट कार्ड हेतु ब्याज पर आर्थिक सहायता। आर्थिक सहायता की दरें उत्तर प्रदेश राज्य सरकार के विनिश्चय के अनुसार होगी।
(ठ) जल जीव पालन सम्बन्धी गतिविधियों हेतु विद्युत पर राज्य-सहायता।
