वेब वार्ता (न्यूज़ एजेंसी)/ अजय कुमार वर्मा
लखनऊ 23 फ़रवरी। आज विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष द्वारा जातिगत जनगणना पर निषाद पार्टी अध्यक्ष डॉ संजय निषाद से पूछी गई उनकी राय पर कहना है निषाद पार्टी का गठन ही सामाजिक समरसता के लिए किया गया है, उन्होंने कहा कि निषाद पार्टी शुरू से ही जातिगत जनगणना के पक्षधर में रही है बस जातियों की विसंगतियों को दूर करने के बाद ही जातिगत जनगणना होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि पहले यह तय हो जाना चाहिए कि मा० राष्ट्रपति द्वारा जारी सेंसस मेनुअल 1961 के आधार पर मछुआ/मझवार समाज अनुसूचित का हकदार है किंतु पूर्व की सपा/बसपा/कांग्रेस की सरकार द्वारा मछुआ समाज को केवल वोट बैंक की तरह इस्तेमाल किया गया हैनगणना तभी सफल होगी तब संबंधित सभी जातियों को सेन्सस मेनुअल 1961 के आधार पर गिना जाए।
उन्होंने कहा कि समाज के हित के लिए मंत्री नहीं दुनिया के सभी सुखों का त्याग करने के लिए तैयार हैं। उन्होंने कहा कि अखिलेश जी समेत सभी नेता निषाद समाज की चिंता करना छोड़ दें उसके लिए निषाद पार्टी और डॉ संजय हैं।
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