वेब वार्ता (न्यूज़ एजेंसी)/ अजय कुमार वर्मा
लखनऊ 4 फ़रवरी। बलरामपुर अस्पताल लगातार तरक्की कर रहा है। गंभीर मरीजों को भी इलाज मुहैया कराया जा रहा है। कैंसर, न्यूरो सर्जरी, यूरो सर्जरी, पीडियाट्रिक सर्जरी जैसे सुपर स्पेशिलिटी विभागों का संचालन हो रहा है। इससे गंभीर रोगियों ने राहत की सांस ली है। वहीं दूसरी ओर बड़े मेडिकल संस्थानों से मरीजों का दबाव भी कम हुआ है, यह बातें उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने बलरामपुर अस्पताल के 154 वें स्थापना दिवस समारोह में कहीं।
उप मुख्यमंत्री ने कहा कि बलरामपुर अस्पताल प्रदेश का सबसे ज्यादा बेड वाला चिकित्सालय है। यहां अस्पताल में इलाज के साथ पढ़ाई की सुविधा बढ़ाने की पूरी संभावना है। इस दिशा में अस्पताल प्रशासन कदम बढ़ाये। सरकार हर संभव मदद करेगी। उन्होंने कहा कि रोगी कल्याण समिति के बजट का अस्पताल नियमानुसार उपयोग करे।
डॉ. एससी राय के नाम पर लावारिश वार्ड :
उप मुख्यमंत्री ने लावारिश वार्ड का नाम बदलने के निर्देश दिए। प्रेक्षागृह में बैठे लोगों ने लावारिश वार्ड का नाम पद्मश्री डॉ. एससी राय के नाम पर करने का सुझाव दिया। स्वास्थ्य राज्यमंत्री मयंकेश्वर शरण सिंह ने कहा कि डॉक्टर-पैरामेडिकल स्टाफ कड़ी मेहनत कर रहे हैं। मरीजों को अच्छा इलाल मिल रहा है।
निदेशक डॉ. रमेश गोयल ने कहा कि बलरामपुर चिकित्सालय की स्थापना वर्ष 1869 में रेजीडेन्सी हिल डिस्पेंसरी के रूप में हुई थी। फरवरी 1948 में इस चिकित्सालय का प्रान्तीयकरण कर लिया गया। उस समय यहाँ पर कुल तीन चिकित्सक कार्यरत थे। इसके अतिरिक्त तीन कम्पाउण्डर, बीस नर्से, एक लिपिक एवं पचास अन्य कर्मचारी, जिनमें वार्ड ब्वाय, कुली, दायी, चपरासी, माली, चौकीदार, कहार, स्वीपर्स, धोबी, कुक, बियरर, किचन बियरर, इलेक्ट्रीशियन आदि पदधारक थे। प्रान्तीयकरण से पूर्व दो वार्ड क्रमशः इण्डियन वार्ड एवं यूरोपियन वार्ड थे, जिसमें कार्यरत कर्मचारियों को अलग-अलग वेतन प्राप्त होता था। वर्तमान में यह उत्तर प्रदेश सरकार का सबसे बड़ा एवं प्रमुख चिकित्सालय होने के साथ-साथ प्रदेश का रेफरल चिकित्सालय भी है। जहाँ पर प्रदेश के विभिन्न जनपदों से जटिल रोगी संदर्भित होकर आते हैं। प्रान्तीयकरण के समय से लेकर आज तक यह चिकित्सालय विभिन्न मेडिकल कोर्सेज, आयुर्वेदिक यूनानी एवं होम्योपैथिक की शैक्षिक संस्था के रूप में भी सेवायें प्रदान करता है। यहाँ पर स्कूल ऑफ नर्सिंग भी स्थापित है। इस चिकित्सालय को कई प्रधानमंत्रियों सहित अन्य गणमान्य व्यक्तियों के सफल उपचार करने का गौरव भी प्राप्त है।
CMS डॉ. जीपी गुप्ता ने बताया कि चिकित्सालय का मुख्य परिसर लगभग 13 एकड़ भूमि में फैला हुआ है। जिसे मुख्यतः दो भाग क्रमशः न्यू ब्लाक एवं ओल्ड ब्लाक में विभाजित किया गया है। चिकित्सालय 776 शैय्यायें युक्त हैं परन्तु जनता की आवश्यकताओं के अनुसार क्रियाशील शैय्या 843 उपलब्ध हैं। 100 शैय्यायुक्त पूर्णतः वातानुकूलित सुपर स्पेसियालिटी ब्लाक भी है। इस चिकित्सालय में भर्ती के लिये किसी भी रोगी को मना नहीं किया जाता है। स्थानीय किंग जार्ज चिकित्सा विश्विद्यालय के ट्रामा सेन्टर से भी प्रतिदिन लगभग 25 से 30 गंभीर रोगी यहाँ संदर्भित किये जाते हैं।
कार्यक्रम में IAS पार्थ सारथि सेन शर्मा, IAS रविंदर, डॉ लिली सिंह, डॉ. रेनू श्रीवास्तव वर्मा, डॉ. अनीता जोशी, डॉ. राजीव लोचन, डॉ. MH उस्मानी, डॉ. अरविन्द प्रसाद, डॉ. हाफिज आदि उपस्थित थे।
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