वेब वार्ता (न्यूज़ एजेंसी)/ अजय कुमार वर्मा
लखनऊ 26 जनवरी। बुधवार को अचानक शेयर मार्किट में एक धमाका हुआ और अडानी ग्रुप के शेयरों को बेचने की होड़ मच गई, जिससे शेयरों में भारी गिरावट देखने को मिली।
हुआ कुछ यूँ कि एक अमेरिकी फर्म फॉरेंसिक फाइनेशियल रिसर्च फर्म Hindenburg ने अपनी एक रिपोर्ट जारी की है। जिसमें कहा गया है कि अडानी की कंपनियों में शॉर्ट पोजीशन पर है, रिपोर्ट ने अडानी ग्रुप के सभी कंपनियों के लोन (Adani Group Debt) पर भी सवाल खड़े किए नतीजा अडानी ग्रुप के शेयरों को बेचने की होड़ मच गई, और फोर्ब्स रियल टाइम बिलेनियर इंडेक्स के मुताबिक 6.1 अरब डॉलर यानी 489,99,30,00,000 रुपये घट गई। रिपोर्ट में दावा किया है कि अडानी ग्रुप की 7 प्रमुख लिस्टेड कंपनियां 85 फीसदी से अधिक ओवरवैल्यूज हैं। हिंडनबर्ग रिसर्च की लेटेस्ट रिपोर्ट में अडानी ग्रुप से 88 सवाल किए गए हैं। इसी रिपोर्ट से भारतीय निवेशकों का सेटीमेंट बदल गया।
अडानी समूह के CFO जुगेशिंदर सिंह ने कहा, ‘हम हैरान हैं कि हिंडनबर्ग रिसर्च ने हमसे संपर्क करने या तथ्यात्मक मैट्रिक्स को सत्यापित करने का कोई प्रयास किए बिना 24 जनवरी 2023 को एक रिपोर्ट प्रकाशित की है। रिपोर्ट चुनिंदा गलत सूचनाओं और बासी, निराधार और ब बताया जाता है कि हिंडनबर्ग का कॉर्पोरेट गलत कामों को खोजने और कंपनियों के खिलाफ दांव लगाने का ट्रैक-रिकॉर्ड है। हिंडनबर्ग रिसर्च एक फोरेंसिक वित्तीय शोध फर्म है, जो इक्विटी, क्रेडिट और डेरिवेटिव का विश्लेषण करती है। इसकी स्थापना साल 2017 में नाथन एंडरसन ने की है।
