वेब वार्ता (न्यूज़ एजेंसी)/ अजय कुमार वर्मा
लखनऊ 14 जनवरी। आज ज्यादातर लोग ऐसे हैं, जो स्वास्थ्य का ध्यान नहीं रख पाते हैं और समय से पहले ही बुढ़ापे का शिकार हो जाते हैं। बुढ़ापा अर्थात जल्दी बाल सफेद होना, शरीर कमजोर हो जाना, दांत कमजोर होना, गाल अंदर बैठना, जल्दी थक जाना, चेहरा निस्तेज हो जाना, पाचन-तंत्र बिगड़ जाना, आंखें कमजोर होना आदि।
बहुत ज्यादा मात्रा में पानी पीना : कई लोग यह मानते हैं कि अधिक मात्रा में पानी पीने से व्यक्ति स्वस्थ रहता है, लेकिन वे यह नहीं जानते हैं कि किडनी को उतना ही अधिक कार्य भी करना होगा। ‘अति सर्वत्र वर्जयेत’ (अधिकता सभी जगह बुरी होती है)। आयुर्वेद के अनुसार बहुत अधिक मात्रा में पानी पीने से व्यक्ति में जल्दी बुढ़ापा आता है।
दिन में सोना और रात में जागना : प्रकृति ने हमारे शरीर में एक घड़ी फिट कर दी है। प्राचीनकाल में मनुष्य उस घड़ी के अनुसार ही सो जाता और प्रात: काल जल्दी उठ जाता था। कहते हैं कि ‘जो रात को जल्दी सोए और सुबह को जल्दी जागे, उस बच्चे का दूर-दूर तक दुनिया का दुख भागे।
भारी यानी गरिष्ठ भोजन करना : गरिष्ठ भोजन को पचाने के लिए आंतों को अतिरिक्त श्रम करना पड़ता है। जो काम दांत नहीं करते, उस काम को भी आंतों को करना पड़ता है। यदि आप गरिष्ठ भोजन कर रहे हैं, तो दांतों का थोड़ी ज्यादा तकलीफ दे दें।
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