वेब वार्ता (न्यूज एजेंसी)/ अनुराग वर्मा
दिल्ली 20 नवंबर। संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) ने भारत के सभी किसानों से देश भर में “राजभवन मार्च” आयोजित करने और संबंधित राज्यपालों के माध्यम से “भारत के राष्ट्रपति को ज्ञापन” सौंपने का आह्वान किया। संगठन ने अपने आंदोलन के भविष्य की रूपरेखा तय करने के लिए 8 दिसंबर को एक बैठक बुलाई है और सभी घटक संगठनों को देश भर में संघर्ष को और तेज करने के लिए तैयार रहने की सलाह दी है
SKM ने दिल्ली में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित कर 26 नवंबर 2022 को देश के सभी किसानों से देश भर में “राजभवन मार्च” आयोजित करने और संबंधित राज्यपालों के माध्यम से “भारत के राष्ट्रपति को ज्ञापन” सौंपने का आह्वान किया।
एसकेएम नेता दर्शन पाल ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि 1 दिसंबर से 11 दिसंबर तक सभी राजनीतिक दलों के लोकसभा और राज्यसभा सांसदों और सभी राज्य विधानसभाओं के नेताओं और विधायकों के कार्यालयों तक मार्च निकाला जाएगा। उन सभी को “कॉल-टू-एक्शन” पत्र प्रस्तुत किया जाएगा, जिसमें मांग की जाएगी कि वह किसानों की मांगों के मुद्दे को संसद और विधानसभाओं में उठाएं और इन मुद्दों पर बहस और समाधान के लिए दवाब बनाएं।
प्रेस क्रांफ्रेस में कहा गया कि किसानों संगठन की सबसे बड़ी मांग है कि सभी फसलों के लिए कानूनी रूप से गारंटीकृत सीटू+50 फीसदी न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी), (2) एक व्यापक ऋण माफी योजना के माध्यम से कर्ज मुक्ति (3) बिजली संशोधन विधेयक, 2022 को वापस लेना (4) लखीमपुर खीरी में किसानों के नरसंहार के आरोपी केन्द्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी की बर्खास्तगी एवं उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई (5) प्राकृतिक आपदाओं के कारण किसानों की फसल बर्बाद होने पर शीघ्र क्षतिपूर्ति के लिए व्यापक एवं प्रभावी फसल बीमा योजना (6) सभी मध्यम, छोटे और सीमांत किसानों और कृषि श्रमिकों को प्रति माह 5,000 रुपये की किसान पेंशन (7) किसान आंदोलन के दौरान किसानों के खिलाफ दर्ज सभी झूठे मामलों को वापस लेना (8) किसान आंदोलन के दौरान शहीद हुए सभी किसानों के परिवारों को मुआवजे का भुगतान शामिल है।
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