– सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम (MSME) भविष्य के ग्रोथ इंजन हैं : डॉ.एन.कलैसेल्वी
वेब वार्ता (न्यूज़ एजेंसी)/ अजय कुमार वर्मा
लखनऊ 17 नवम्बर। डॉ. एन. कलैसेल्वी सचिव, वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान विभाग (DSIR), भारत सरकार एवं महानिदेशक, वैज्ञानिक तथा औद्योगिक अनुसंधान परिषद(CSIR) ने CSIR-भारतीय विषविज्ञान अनुसंधान संस्थान (IITR), लखनऊ में चलने वाले दो दिवसीय DSIR- CRTDH सम्मेलन का उद्घाटन किया। डॉ. कलैसेल्वी के संदेश का मुख्य अंश यह रहा कि “आज का उद्यमी कल का मार्गदर्शक है”।
CRTDH (कॉमन रिसर्च एंड टेक्नोलॉजी डेवलपमेंट हब) वैज्ञानिक और DSIR का मौलिक विचार है। यह एक योजना है जिसमें सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यमों (MSMEs) द्वारा अनुसंधान एवं प्रौद्योगिकी विकास गतिविधियों को प्रोत्साहित करना है। यह कॉन्क्लेव देश के 14 राज्यों में फैले 18 CRTDH केंद्रों के लाभार्थी का एक साथ आना है।
मुख्य अतिथि डॉ. कलैसेल्वी ने अपने संबोधन में सम्मेलन में भाग लेने वाले MSMEs तथा CRTDH प्रतिनिधियों से हैंड-होल्डिंग एवं समन्वय तंत्र को अधिक सुदृढ़ करने हेतु आग्रह किया। मुख्य अतिथि ने इस अवसर पर देश के विभिन्न CRTDH केंद्रों की सफलताओं को प्रदर्शित करने वाली एक प्रदर्शनी का भी उद्घाटन किया गया। इसमें कुछ उल्लेखनीय प्रौद्योकियों को प्रदर्शित किया गया जिनमें जीवविज्ञान से लेकर सामग्री अनुप्रयोगों तक नए रसायनों, ऊर्जा अनुप्रयोगों हेतु सस्ती मशीन प्रौद्योगिकियां, उत्प्रवाह एवं प्रदूषण नियंत्रण तथा स्वास्थ्य देखभाल से संबंधित प्रौद्योकियां सम्मिलित हैं।
इससे पूर्व डॉ. भास्कर नारायण, निदेशक, CSIR-IITR ने कहा कि उद्यमियों के साथ कार्य करने के अतिरिक्त विभिन्न CRTDH केंद्रों को एक दूसरे के बीच संबंध भी स्थापित करना चाहिए ताकि वे अपने स्वयं के डोमेन क्षेत्रों से बाहर के उद्योगों की विविध प्रकार की आवश्यकताओं को पूर्ण करने में सक्षम हो सकें।
उद्घाटन सत्र, विशिष्ट अतिथि, डॉ. सुजाता चकलानोबिस, वैज्ञानिक व प्रमुख, DSIR- CRTDH ने श्रोताओं को देश में एक नवाचार संचालित ईकोसिस्टम को बढ़ावा देने हेतु CRTDH की उत्पत्ति के विचार और प्रक्रिया के बारे में जानकारी प्रदान किया।
विशिष्ट अतिथि डॉ. राधा रंगराजन, निदेशक, CSIR लखनऊ ने कहा कि संसार भर में सफल उद्यमों के पीछे नवाचार एक प्रेरक शक्ति है और देश भर में प्रतिष्ठित राष्ट्रीय संस्थानों के सहयोग से CRTDH का निर्माण एक अग्रगामी मार्ग है ।
विशिष्ट अतिथि डॉ. प्रबोध कुमार त्रिवेदी, निदेशक, CSIR-केंद्रीय औषधीय एवं सगंध पौधा संस्थान, लखनऊ ने भी देश की अर्थव्यवस्था को चलाने में लघु एवं अत्यल्प उद्यमों द्वारा निभाई गई महत्वपूर्ण भूमिका पर बल दिया। डॉ. आर. पार्थासारथी, नोडल वैज्ञानिक & डॉ विपिन शुक्ल CRTDH, CSIR-IITR ने धन्यवाद ज्ञापन दिया। व्यवस्था में डॉ रिनी सिंह प्रमुख थी।
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