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ओडीओपी के देशव्यापी जागरुकता अभियान का लखनऊ से हुआ आगाज

वेब वार्ता (न्यूज़ एजेंसी)/ आय कुमार वर्मा
लखनऊ 11 नवम्बर। केंद्रीय वाणिज्य मंत्रालय के औद्योगिक नीति एवं संवर्धन विभाग ने ‘एक जिला एक उत्पाद’ विषय पर देशव्यापी जागरुकता अभियान की आज लखनऊ से शुरुआत की। पत्र सूचना कार्यालय (PIB) के सभागार में आयोजित इस कार्यक्रम में कारीगरों, विक्रेताओं तथा लाभार्थियों के साथ ओडीओपी की टीम ने संवाद स्थापित किया जिसमें कारीगर तथा उत्पादकों ने अपने उत्पादों, सरकार द्वारा उपलब्ध करायी जा रही सहायता तथा मार्गदर्शन के बारे में विचार साझा किये।
   मनोज चौरसिया, उपायुक्त DIC लखनऊ ने इस अवसर पर बताया कि एक जिला एक उत्पाद के संवर्धन तथा इसे लोगों के बीच लोकप्रिय बनाने के लिये सरकार द्वारा विभिन्न योजनायें तथा कार्यक्रम चालू किये गये है जिसमें ODOP प्रशिक्षण एवं टूल किट योजना, ODOP वित्त पोषण सहायता योजना, ODOP विपणन सहायता योजना, ODOP सामान्य सुविधा केंद योजना तथा ODOP ई- कामर्स पोर्टल लांच कार्यक्रम शामिल है।
 उन्होंने कहा कि अलग अलग ई-कामर्स वेबसाईट पर अब तक 20 हजार से भी अधिक ODOP उत्पादों का क्रय विक्रय हो रहा है। श्री चौरसिया ने कहा कि ओडीओपी उत्पादों हेतु QCI के सहयोग से ओडीओपी उत्पादों का मानकीकरण किया जा रहा है।
श्रीमती जिगिषा तिवारी, प्रबंधक,ODOP ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आत्मनिर्भर भारत के अंतर्गत एक जिला एक उत्पाद योजना के तहत पूरे देश के हर एक जिले से वहां के अद्दितीय उत्पाद को चुना गया है और वहां के विक्रेताओं को प्रोत्साहित किया जा रहा है ताकि वह अपना उत्पाद वैश्विक स्तर पर बेंच कर लाभान्वित हो सके। इस क्रम में देश के 765 जिलों से कुल 1072 उत्पाद का चुनाव राज्यों द्वारा किया गया है जिसमें उतर प्रदेश के 75 जिलों के 99 उत्पाद शामिल हैं जिसमें लखनऊ की चिकनकारी, बरेली की ज़री, बनारस का सिल्क, आजमगढ की ब्लैक पाटरी, भदोही की कारपेट, अयोध्या का गुड़, फिरोजबाद की ग्लासवेयर इत्यादि शामिल हैं। इस योजना के तहत ओडीओपी अपने व्रिकेताओं को गुणवत्ता और उत्पाद क्षमता में बढावा देने के लिये कार्यशाला आयोजित कर रही है।
     विजय कुमार ADG,PIB ने कहा कि ODOP अभियान अंतरराष्ट्रीय बाजार में स्थानीय उत्पादों की ब्रांड इमेज को बढ़ावा देगा, जिसके परिणामस्वरूप “मेक इन इंडिया” और “मेक फॉर वर्ल्ड” के प्रधान मंत्री के दृष्टिकोण को गति मिलेगी। उन्होंने इन उत्पादों को वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धा पर बल दिया ।
Dy.Dir. डा.एम एस यादव ने कारीगरों को संबोधित करते हुये कहा कि देश को पहले से विरासत में मिले परंपरागत कला, कौशल को संरक्षित और संवर्धित करने के लिए शुरू ODOP योजना ने स्थानीय शिल्पकारों और अन्य उत्पादों निर्माताओं को तरक्की की नई उड़ान दी है। कार्यक्रम में शिरकत करने आयी चिकन कारीगरों ने ODOP से मिले अनुभव साझा किये। कार्यक्रम का संचालन PIB के मीडिया एवं संचार अधिकारी सुन्दरम चौरसिया और समन्यवन ODOP के दीपांगना और हार्दिक सिंह ने किया।

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