वेब वार्ता (न्यूज़ एजेंसी)/ अजय कुमार वर्मा
लखनऊ 20 अक्टूबर। उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने पंचायती राज प्रशिक्षण संस्थान अलीगंज में, मनरेगा में MIS के सम्बन्ध मे आयोजित 4दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम के समापन समारोह को संबोधित करते हुए गांवों के विकास के मूल मंत्र दिये।
अपने उद्बोधन में श्री मौर्य ने जहां कार्मिकों और प्रधानों में गांवो के विकास के लिये एक नई ऊर्जा व नये जोश का संचार किया वहीं, गांवों के विकास में अपनत्व की भावना बलवती बनाने पर जोर दिया ।कहा कि मनरेगा में की गई विकेंद्रीकृत व्यवस्था से गांवो के विकास को नए पंख लगेंगे। जैविक खेती के साथ प्राकृतिक खेती को बढ़ावा दिया जाए। गो आश्रय स्थलों पर प्रधान अपनी पैनी नजर रखें । गांवों में मिनी फूड प्रोसेसिंग यूनिट लगाने के लिए लोगों को प्रेरित किया जाए।
उन्होंने कहा कि मनरेगा के तहत गांवों में 264 प्रकार के काम कराये जा सकते हैं, इन कार्यों के बारे में गांवो में लोगों को जानकारी रहेगी, तो और कार्य भी हो सकेंगे, प्रधानों और ग्रामीणो को इसकी जानकारी दी जाय। गोचर की जमीनों को संरक्षित करते हुए उसका उपयोग किया जाय, वहां नैपियर घास लगाने की पर्याप्त व्यवस्था की जाय। कहा कि मनरेगा में 100दिन कार्य करने वाले श्रमिकों को प्रशिक्षण देकर उनकी आय बढ़ाने का प्रबंध किया जाए।ऐसे श्रमिकों का श्रम विभाग के पोर्टल पर पंजीयन अनिवार्य रूप से कराया जाए, प्रधानगण पंजीयन में श्रमिकों का सहयोग करें,ताकि उन्हें सरकार द्वारा श्रमिकों को अनुमन्य सुविधाओं का पूरा लाभ मिल सके।
अपर आयुक्त (मनरेगा) योगेश कुमार ने मनरेगा के तहत उत्तर प्रदेश में किये जा रहे कार्यों के बारे विभिन्न व्यावहारिक व तकनीकी पहलुओं की जानकारी दी।
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