वेब वार्ता (न्यूज़ एजेंसी)/ अजय कुमार वर्मा
नागपुर 05 दिसंबर। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के मोहन भागवत ने कहा है कि भारत को गंभीर मंथन कर एक व्यापक जनसंख्या पॉलिसी लाने की जरूरत है। उन्होंने नागपुर में आयोजित संघ के विजयादशमी उत्सव कार्यक्रम में कहा कि जनसंख्या में प्रमाण का भी संतुलन चाहिए। उन्होंने कहा कि जनसंख्या असंतुलन का गंभीर परिणाम हम भुगते हैं। ये पचास साल पहले हुआ था लेकिन आज के समय में भी ऐसा हो रहा है। एक व्यापक जनसंख्या नीति की पैरवी करते हुए मोहन भागवत ने कहा कि जनसंख्या की एक समग्र नीति बने और वे सब पर समान नीति से लागू हो, और एक बार जनसंख्या नीति बनने के बाद किसी को छूट न मिले, और समाज इसके स्वीकार करे इसलिए मन बनाकर ऐसी जनसंख्या नीति लाया जाए ऐसी आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि अगर जनसंख्या नीति बन भी जाए और समाज स्वीकार न करे तो ऐसी स्थिति में जनसंख्या नीति क्या कर पाएगी?
मोहन भागवत ने कहा कि लेकिन जहां देश के लिए छोड़ना पड़ता है, मुझे नहीं मिलेगा, उसे मिलेगा ऐसी भावना आती है तब क्या होगा? ऐसी स्थिति में समाज में सहयोग दिखता है या प्रतिरोध दिखता है। जहां समाज में त्याग करने की जरूरत होती है समाज को चाहिए कि वो इसे भी स्वीकार करे। उन्होंने असमानता पर अन्य देश का उदहारण भी दिया।
