वेब वार्ता (न्यूज़ एजेंसी)/ अजय कुमार वर्मा
लखनऊ 05 दिसंबर। उत्तर प्रदेश की राज्यपाल श्रीमती आनंदीबेन पटेल ने सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय, भारत सरकार तथा लखनऊ नगर निगम के सहयोग से सामाजिक संस्था ‘उम्मीद’ द्वारा संचालित ‘स्माइल’ परियोजना के अन्तर्गत भिक्षावृत्ति से जुड़े हुये लोगों के पुनर्वासन हेतु राजभवन के गांधी सभागर में आयोजित ‘भिक्षा से शिक्षा की ओर’ कार्यक्रम में प्रतिभाग किया। इस अवसर पर अपने सम्बोधन में राज्यपाल ने कहा कि सामाजिक संस्था उम्मीद द्वारा संचालित स्माइल परियोजना के अन्तर्गत लखनऊ जनपद की बहुत सी ऐसी बस्तियों को चिन्हित किया गया है, जिनमें लगभग 5 हजार परिवार के लोग भिक्षावृत्ति से जुड़े पाये गये हैं।
राज्यपाल ने कहा कि बेसहारा एवं भिक्षावृत्ति की समस्या को दृष्टिगत रखते हुए ही केन्द्र सरकार के सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय द्वारा आजादी के अमृत महोत्सव के अवसर पर ‘Support for Marginalised Individuals for Livelihood and Enterprise’ (स्माइल) योजना को देश के 75 नगर निगमों में लागू किया गया है। प्रथम चरण में पायलट प्रोजेक्ट के रूप में देश के 10 शहर चुनें गये हैं, जिसमें लखनऊ नगर निगम भी शामिल है। उन्होंने कहा कि इस संस्था ने अपने समाज सेवा के कार्यों से ‘‘गिनीज बुक आफ वर्ल्ड रिकार्ड्स’’ एवं ‘लिम्का बुक आफ वर्ल्ड रिकार्ड्स’ जैसे सर्वमान्य प्रतिष्ठानों में नाम दर्ज कराया है।
इस अवसर पर उपस्थित नगर आयुक्त इंद्रजीत सिंह ने बताया कि ‘उम्मीद’ संस्था का लक्ष्य भिक्षावृत्ति से जुड़े लोगों को पुनर्वासित करना है। लखनऊ में ऐसे लोगों को चिन्ह्ति कर उनका रेस्क्यू किया जा रहा है।
राज्यपाल द्वारा ‘उम्मीद’ के राजीव चोपड़ा, अशोक जुनेजा, संदीप सिंह आनंद, सुमीत नोटानी, राकेश चेत्री, संजय मल्होत्रा, श्रीमती संचिता गुप्ता, श्रीमती कुमुद दिनकर, श्रीमती सुरभि श्रीवास्तव, हरप्रीत सिंह अरोड़ा, सुरेन्द्र कुमार जग्गी, सुमित मित्तल उपस्थित थे। बच्चों में सुश्री रेशम, सुश्री करीना, सुश्री अनीता, सुश्री सविता, सुश्री दामिनी, आदित्य, सुश्री सलोनी, सुश्री प्रीती, सुश्री नर्गिस, सुश्री मोहिनी, सुश्री नगमा, सुश्री प्रियंका, सुश्री माही, अजीत, समीर, अतुल, किसन आदि को सम्मानित किया गया।
कार्यक्रम में प्रमुख सचिव राज्यपाल, श्रीमती कल्पना अवस्थी, विशेषकार्याधिकारी पंकज जानी सहित उम्मीद संस्था की संरक्षक श्रीमती उषा अवस्थी, संस्थापक बलबीर सिंह मान एवं संरक्षक अरविंदर सिंह उपस्थित थे।
