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बढ़ती जिम्मेदारियों से महिलाओं हो रही है बांझपन का शिकार: डॉ. सोनल आनंद

वेब वार्ता (न्यूज़ एजेंसी)/ अजय कुमार वर्मा
लखनऊ 22 अगस्त। अमूमन देखा जाता है कि घरेलू महिलाएं अपने कामकाज और जिम्मेदारियों की वजह से सेहत पर ध्यान नहीं दे पातीं हैं, जिसके कारण वह कई बीमारियों का शिकार हो जाती है। इसी क्रम में अलामबाग स्थित चंद्र गेस्ट हाउस में क्रिस्टा आईवीएफ एवं एवियन फॉर इंडिया ट्रस्ट द्वारा महिला स्वस्थ मधुमय एवं अधिकार पर कार्यशाला का आयोजन किया गया। जिसमें मुख्य अतिथि स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. सोनल आनंद ने दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम की शुरुआत की।
इस दौरान उन्होंने कहा कि प्रजनन क्षमता की कमी होने के कारण कपल्स को कंसीव करने में दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। उन्होंने बताया कि अगर लक्षणों का पता लगाकर समय पर इसका इलाज कर किया जाए तो बांझपन को ठीक किया जा सकता है. एक्सपर्ट्स के मुताबिक महिलाओं में बांझपन के कई कारण हो सकते हैं, जैसे ओव्यूलेशन डिसऑर्डर, फैलोपियन ट्यूब में क्षति, यूटेरस, एंडोमेट्रियोसिस या सर्विक्स से जुड़ी समस्याएं होती है। यहीं नहीं वर्ल्ड हेल्थ रिपोर्ट के अनुसार भारत में 15 प्रतिशत कपल समस्या से जुझ रहे हैं। वहीं सामाजिक कार्यकर्ता सीमा सिंह ने बताया कि आज के दौर की महिलाएं सशक्त है, वह परिवार के साथ-साथ राष्ट्र को बदल सकती है।
क्रिस्टा (IVF) के प्रोजेक्ट मैनेजर चंदन मिश्रा ने बताया कि महिलाओं की समस्याओं को लेकर क्रिस्टा (IVF) एवं सामाजिक संस्था के साथ मिलकर पूरे देश में जागरूक अभियान चला रहा है। वहीं ऐवियन फॉर इंडिया ट्रस्ट के संस्थापक अनुराधा ने अतिथियों को तुलसी पौधा और स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया। इस कार्यक्रम में ऐवियन फॉर इंडिया अध्यक्ष अविनाश कुमार रावत, अनुराग गुप्ता, पूजा यादव, दीपिका तिवारी समेत कई लोग मौजूद थे।

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