वेब वार्ता (न्यूज़ एजेंसी)/ अजय कुमार वर्मा
लखनऊ 10 अगस्त। काँग्रेस पार्टी द्वारा 10 अगस्त 1950 को तत्कालीन राष्ट्रपति द्वारा एक अध्यादेश जारी करके देश के पसमांदा मुसलमानों को दलित आरक्षण के लाभ से वंचित कर दिया था। इसके विरोध में आज 10 अगस्त 2022 को पसमांदा मुस्लिम समाज के आह्वान पर हउत्तर प्रदेश सहित देश भर के लाखों पसमांदा मुसलमानों ने काली पट्टी बाँध कर कांग्रेस पार्टी के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया।
लखनऊ के प्रेस क्लब में पसमांदा मुस्लिम समाज के राष्ट्रीय अध्यक्ष पूर्व राज्य मंत्री उत्तर प्रदेश सरकार अनीस मंसूरी मौजूद ने कहा कि यह समाज अपने स्थापना दिवस से ही धारा 341 के पैरा 03 पर धार्मिक प्रतिबंध लगाने का विरोध करता आया है। इस प्रतिबंध के शिकार सिक्ख, बौद्ध, ईसाई, और मुसलमान हुए। सिक्खों को 1960 और बौद्धों को 1990 में आरक्षण को बहाल कर दिया, मुसलमानों और ईसाइयों को आज तक आरक्षण से वंचित रखा। बताते चलें कि 10, अगस्त 1950 को तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने मुसलमानों को आरक्षण से वंचित करने के लिए राष्ट्रपति अध्यादेश लाकर धारा 341के पैरा 03 पर धार्मिक प्रतिबंध लगा कर पिछड़े मुसलमानों को आरक्षण से वंचित कर दिया। श्री मंसूरी ने कहा, हम पसमांदा तबके के लोग हर साल की तरह इस साल भी हाथ पर काली पट्टी बाँध कर 10,अगस्त को काला दिवस के रूप में मनायेंगे और जब तक पसमांदा मुसलमानों को उनका आरक्षण का अधिकार नहीं मिल जाता हमारा संघर्ष जारी रहेगा।
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