वेब वार्ता (न्यूज़ एजेंसी)/ अजय कुमार वर्मा
उन्नाव 26 जून। वन्य जीव अपराध नियन्त्रण ब्यूरो (WCCB) भारत सरकार की पहल पर एस0टी0एफ0 ने पिछले कई वर्षों से उत्तर प्रदेश में विभिन्न प्रजातियों के कछुए, बर्ड्स, पैन्गोलिन आदि की तस्करी रोकने हेतु प्रभावी कार्यवाही की है। इस क्रम में दिनांक 25-06-2022 को अमित कुमार नागर, Dy.Sp. STF मुख्यालय लखनऊ के नेतृत्व, Ins. दिलीप कुमार तिवारी, S.I. विनोद सिंह, H.C. अशोक गुप्ता, राजेश मौर्या, संतोष सिंह, रूद्र नारायण उपाध्याय, अंजनी यादव, Cons. विजय वर्मा की एक टीम ने विलुप्त हो रहे दुर्लभ प्रजाति के ग्रे-लंगूरों की तस्करी करने वाले गिरोह के 02 सदस्यों को 20 ग्रे-लंगूर के साथ रामप्यारे वर्मा का पुराना मकान, ग्राम पाटन, थाना बिहार, उन्नाव से गिरफ्तार किया।
गिरफ्तार अभियुक्तों का विवरणः-
1- सद्दाम पुत्र शकील बेग उर्फ लल्लू निवासी त्रिलोकपुर, थाना-फतेहपुर, जनपद-फतेहपुर।
2- नदीम खॉन पुत्र लल्लू निवासी अस्ती, थाना-फतेहपुर, जनपद-फतेहपुर।
बरामदगीः-
1. 20 अदद जीवित ग्रे-लंगूर।
2. 01 अदद आधार कार्ड, 01 अदद पैन कार्ड, 01 अदद मोबाइल फोन, 01 अदद एटीएम।
3. रू0 1270/-, 01 अदद लोहे का पिजड़ा।
पूछताछ पर गिरफ्तार अभियुक्तों ने बताया कि हम लोग संरक्षित पशु-पक्षियों को उनके प्राकृतिक निवास से पकड़कर स्वयं तथा अपने गिरोह के सदस्यों के आर्थिक लाभ के लिए इनकी तस्करी कर रहे हैं। लगभग 8-10 हजार रूपये प्रति ग्रे-लंगूरों/हनुमान लंगूरों के हिसाब से बेचते है। जिनका प्रयोग बड़े-बड़े शहरों में बन्दरों को भगाने के लिए, धार्मिक भावनाओं के आधार पर भीख मॉगने, खेल दिखाकर पैसा कमाने व शौक के तौर पर पालने हेतु किया जाता है। एक माह में लगभग 30 से 40 लंगूरों को बेच देते है। हम लोग वन्य जीवों की तस्करी लगभग पिछले 10 वर्षो से कर रहे है। सद्दाम ने यह भी बताया कि इसके पूर्व में भी ग्रे-लंगूरो की तस्करी में कोतवाली फतेहपुर, जनपद फतेहपुर व कोतवाली-कन्नौज से जेल जा चुका है। गिरफ्तार अभियुक्तों के सम्बन्ध में अपराधिक इतिहास की छानबीन की जा रही है।
गिरफ्तार अभियुक्तों के विरूद्ध थाना बिहार, जनपद उन्नाव में मु0अ0सं0 192/2022 धारा 2,9, 39, 49, 50, 51ए वन्य जीव संरक्षण अधिनियम 1972 पंजीकृत कराया गया। अग्रिम विधिक कार्यवाही स्थानीय पुलिस द्वारा की जायेगी।
