वेब वार्ता (न्यूज़ एजेंसी)/ अजय कुमार वर्मा
लखनऊ 25 जून। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि घरौनी वितरण का यह कार्यक्रम भारत के लोकतंत्र के इतिहास का बहुत ही महत्वपूर्ण पड़ाव है। प्रधानमंत्री के प्रयास से पूरे देश में अप्रैल, 2020 में ग्रामीण आवासीय अभिलेख (घरौनी) उपलब्ध कराने का अभिनव कार्यक्रम प्रारम्भ किया गया था। इस कार्यक्रम के अन्तर्गत गांव में रहने वाले प्रत्येक व्यक्ति को उसके मकान की जमीन का अभिलेख उसके नाम पर नामांतरण करते हुए उसका मालिकाना हक उपलब्ध कराया जा रहा है।
मुख्यमंत्री आज यहां लोक भवन में स्वामित्व योजना के अन्तर्गत 11 लाख ग्रामीण आवासीय अभिलेख (घरौनी) का ऑनलाइन वितरण करने के बाद अपने विचार व्यक्त कर रहे थे। मुख्यमंत्री ने कहा कि अगस्त, 2022 तक पूरे प्रदेश में 01 लाख 10 हजार 300 से अधिक राजस्व ग्रामों के सर्वे का कार्य सम्पन्न किया जाएगा। प्रदेश में देश के अन्दर सर्वाधिक ढाई करोड़ परिवारों को घरौनी वितरण का लक्ष्य रखा गया है। अभियान चलाकर मुसहर, थारु, कोल, वनटांगिया, सहरिया आदि समुदायों को जमीन उपलब्ध कराने का कार्य किया गया है।
कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री ने 10 लोगों को घरौनी प्रमाण-पत्र भौतिक रूप से प्रदान किये। इस अवसर पर राजस्व राज्यमंत्री अनूप प्रधान ‘वाल्मीकि’ मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्रा, अध्यक्ष राजस्व परिषद संजीव मित्तल, प्रमुख सचिव राजस्व सुधीर गर्ग, प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री एवं सूचना संजय प्रसाद, सूचना निदेशक शिशिर आदि उपस्थित थे।
