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यूपी-112 के तीन दिवसीय कार्यक्रम ‘नो योर 112’ का हुआ समापन

वेबवार्ता (न्यूज़ एजेंसी)/ अजय कुमार वर्मा
लखनऊ 4 जून। यूपी-112 के तीन दिवसीय कार्यक्रम ‘नो योर 112’ का समापन हुआ। लखनऊ मुख्यालय की टीमों ने एडीजी-112 के निर्देशन में स्थानीय पुलिस के साथ बरेली, पीलीभीत व शाहजहाँपुर में भारत-नेपाल व उत्तराखंड से सटे सीमांत गावों में नागरिकों को पुलिस विभाग की विभिन्न सेवाओं से अवगत कराया। अंतराष्ट्रीय सीमा के समीप रहने वाले ग्रामीणों को बताया गया कि किसी भी संदिग्ध व्यक्ति या वस्तु के देखे जाने पर तत्काल यूपी-112 को सूचना दे सकते हैं। टीम ने एलईडी वैन पर 112 के सेवाओं की लघु फ़िल्मों के माध्यम से बताया कि सेवाओं का लाभ कैसे लिया जा सकता है।
बुजुर्गों व महिलाओं की सामाजिक सुरक्षा प्राथमिकता –
बुजुर्गों और महिलाओं को सामाजिक सुरक्षा प्रदान करने के लिए यूपी-112 द्वारा विशेष योजनाएँ चलायी जा रही हैं। अपर पुलिस अधीक्षक मोहिनी पाठक ने बताया कि घरेलू हिंसा व मारपीट के अलावा किसी भी आपात स्थिति जैसे आग लगने, प्राकृतिक आपदा, मेडिकल इमरजेंसी में भी 112 नंबर डायल किया जा सकता है। अभियान के दौरान लोकगीतों के माध्यम से कलाकार बुजुर्गों के लिए सवेरा योजना, महिलाओं के लिए प्रबल प्रतिक्रिया और अकेली घर आने-जाने वाली महिलाओं को रात्रि में पीआरवी की मदद के संबंध में जानकारी दी गयी।
बच्चों को खूब भायीं पुलिस अंकल की कॉमिक बुक –
जागरूकता अभियान के दौरान बच्चों बच्चों को 112 की तरफ़ से बनवायी गयी कॉमिक बुक भेंट की गयी। कॉमिक बुक में कार्टून के माध्यम से बताया गया है कि पुलिस की सहायता कब-कब ली जा सकती है। कॉमिक बुक में बताया गया है कि अगर 112 पर किसी कारण से कॉल नहीं मिल रही है तो व्हाट्सअप, ट्वीटर, फ़ेस बुक के माध्यम से भी नागरिक अपनी समस्या बता सकते हैं।
क्षेत्रीय भाषाओं में भी होता है संवाद –
नागरिकों ख़ास कर ग्रामीण क्षेत्र के निवासियों को 112 की सेवा लेने में किसी तरह संवाद सम्बन्धी समस्या न आए इस बात को ध्यान में रखते हुए मुख्यालय में बैठने वाली संवाद अधिकारी क्षेत्रीय भाषा में भी संवाद करने में पारंगत हैं। मुख्यालय में बैठने वाली संवाद अधिकारी खड़ी बोली के अलावा ब्रज, भोजपुरी, बुंदेली आदि भाषाओं में नागरिकों से संवाद करने में सक्षम है। ताकि नागरिक अपनी समस्या बताने में सहज महसूस कर सकें। गौर तलब है कि इससे पहले 112 ने गोरखपुर, महराजगंज, कुशीनगर, वाराणसी, मीरजापुर, ग़ाज़ीपुर आदि ज़िलों में भी ‘नो योर 112’ अभियान चलाया है।
उत्तर प्रदेश पुलिस की जनोपयोगी सेवाओं का भी प्रचार-प्रसार किया –
उत्तर प्रदेश पुलिस की जनोपयोगी सेवाओं जैसे- ट्विटर सेवा, फेक न्यूज इत्यादि के सम्बन्ध में जागरुक किया गया। साथ ही यह भी बताया गया कि एफआईआर दर्ज न होने, पुलिस दुर्व्यवहार अथवा चरित्र/पासपोर्ट सत्यापन आदि के लिये उत्तर प्रदेश पुलिस के ट्विटर हैंडल @uppolice को टैग करके अपनी शिकायत दर्ज करा सकते हैं, जिस पर विभाग के वरिष्ठ अधिकारी त्वरित संज्ञान लेकर शिकायत का निस्तारण करते हैं।
इस मौके पर यूपी- 112 मुख्यालय से अपर पुलिस अधीक्षक श्रीमती मोहिनी पाठक, यूपी-112 मीडिया सेल प्रभारी करुणा शंकर सिंह, आरक्षी विपिन शुक्ल, रजत चौहान और नितेश कुमार मुख्य रूप से मौजूद रहे।

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