वेब वार्ता (न्यूज़ एजेंसी)/ अजय कुमार वर्मा
लखनऊ 23 मई। लखनऊ विश्वविद्यालय के विधि संकाय में चल रही तीन दिवसीय कार्यशाला ‘विमर्श’ का समापन हुआ, कार्यशाला के तीसरे दिन ‘जजमेंट राइटिंग’ विषय पर भारत सरकार के पैनल अधिवक्ता सत्यजीत सिंह ने व्याख्यान दिया और निर्णय लेखन, लीगल प्लीडिंग व आर्ट ऑफ ड्राफ्टिंग विषय पर प्रकाश डाला। संकाय के अधिष्ठाता प्रो. सीपी सिंह ने बताया कि कक्षाओं से अलग इस प्रकार के आयोजन विधि छात्रों का सर्वांगीण विकास सुनिश्चित् करते हैं और विधि के सेमेस्टर परीक्षाओं के साथ ही प्रतियोगी परीक्षाओं में भी सहायता करते हैं। प्रो. सिंह ने बताया कि विभिन्न राज्यों की न्यायिक सेवाओं की परीक्षा में निर्णय-लेखन का एक प्रश्न-पत्र आता है, इस कार्यशाला का लाभ उन सभी छात्रों को को पीसीएस (जे.) की उनकी परीक्षा में भी मिलेगा साथ ही विधि व्यवसाय करने को अग्रसर छात्रों को न्यायालय में प्लीडिंग करते समय लाभ मिलेगा। कार्यशाला में ड्राफ्टिंग के उन सभी सिद्धांतों की विस्तार से चर्चा की गयी जिनका पालन करके वकालत के क्षेत्र में सफ़लता अर्जित की जा सकती है। छात्रों को विभिन्न निर्णय, रिट, मुकदमे, व न्याय निर्णयन के अन्य महत्वपूर्ण दस्तावेज़ का प्रारूप दिखा कर प्लीडिंग की बारीकियाँ समझाई गयीं। प्रो. सिंह ने बताया कि जल्द ऐसे ही महत्ता वाले अन्य विषयों पर व्याख्यान आयोजित किये जायेंगे ताकि छात्रों में विधि की अच्छी समझ विकसित हो। इस कार्यशाला का संचालन कर रहे स्टूडेंट डीन इन्द्र दमन तिवारी ने मुख्य वक्ता का आभार प्रकट करते हुए बताया कि तीन दिवसीय ‘विमर्श’ कार्यशाला में विश्वविद्यालय के विधि संकाय के साथ ही विभिन्न विधि महाविद्यालयों के छात्रों ने बड़ी संख्या में उत्साह से प्रतिभाग किया, व अपनी शंकाओ का समाधान पाया, इन समस्त प्रतिभागियों को शीघ्र ही संकाय के द्वारा ई-सर्टिफिकेट प्रदान किये जायेंगे।
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