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पापमोचिनी है पहली एकादशी, जानिए व्रत पूजा विधि

वेबवार्ता (न्यूज़ एजेंसी)/ अनुराग वर्मा
लखनऊ। चैत्र मास की कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को पापमोचिनी एकादशी कहते हैं। 28 मार्च को एकादशी व्रत का विधान किया जाएगा। सनातन परंपरा में एकादशी तिथि का बहुत महत्व है। इस दिन भगवान विष्णु की पूजा की जाती है। भगवान विष्णु की पूजा से जहां एक ओर सारे पाप और कष्ट मिट जाते हैं, वहीं व्यक्ति को भगवान की कृपा से आरोग्य लाभ मिलता है और वह सबसे ऊंची पदवी को पाकर मोक्ष पा जाता है।
एकादशी तिथि मुहूर्त –
एकादशी तिथि प्रारम्भ – मार्च 27, 2022 को शाम 06 बजकर 04 मिनट से
एकादशी तिथि समाप्त – मार्च 28, 2022 को शाम 04 बजकर 15 मिनट तक
पापमोचनी एकादशी पारणा मुहूर्त: 06:15:24 से 08:43:45 तक 29, मार्च को
व्रत पूजा विधि – सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और व्रत का संकल्प लें. इसके बाद पूजा शुरू करें. पूजा में भगवान विष्णु को धूप, दीप, चंदन, फल, फूल, भोग, आदि अर्पित करें। इसके बाद इस दिन से संबंधित व्रत कथा पढ़ें, सुनें और दूसरों को सुनाएं। अंत में भगवान विष्णु की आरती करें। एकादशी तिथि रात्रि जागरण करना शुभ रहता है। ऐसे में आप इस दिन निराहार रहकर जागरण करें।
ऐसे करें पारण –
एकादशी के अगले दिन यानी द्वादशी व्रत का पारण करने से पहले पूजा अवश्य करें और मुमकिन हो तो अपनी यथाशक्ति के अनुसार जरूरतमंद व्यक्तियों, किसी योग्य ब्राह्मण को दान पुण्य अवश्य करें।

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